रूपरेखा – 1. प्रस्तावना 2. विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान के चमत्कार 3. विज्ञान के चमत्कारों से लाभ एवं हानि 4. उपसंहार ।

विज्ञान और मानव-जीवन पर निबंध 890 शब्दों में
1. प्रस्तावना – आधुनिक युग में विज्ञान के नवीन आविष्कारों ने विश्व में क्रान्ति-सी ला दी है। आज के युग में विज्ञान के बिना मनुष्य के स्वतन्त्र अस्तित्व की कल्पना भी असम्भव प्रतीत होती है।
विज्ञान की सहायता से मनुष्य प्रकृति पर निरन्तर विजय प्राप्त करता जा रहा है। आज से कुछ वर्ष पूर्व विज्ञान के आविष्कारों की चर्चा से ही लोग आश्चर्यचकित हो जाते थे, परन्तु आज वही आविष्कार मनुष्य के दैनिक जीवन के अंग बन गए हैं।
2. विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान के चमत्कार- -आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कारपूर्ण आविष्कारों को देखा जा सकता है।
(i) संचार के क्षेत्र में— प्राचीनकाल में संदेशों के आदान-प्रदान में बहुत समय लग जाता था, परन्तु अब टेलीफोन,सेलुलर फोन, टेलीग्राम, पेजर तथा फैक्स के द्वारा क्षण भर में संदेश व विचारों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इन सबके अतिरिक्त अब कम्प्यूटर के माध्यम से इण्टरनेट का प्रयोग करते हुए ‘ई-मेल’ द्वारा संदेश भेजे जा सकते हैं।
(ii) यातायात एवं परिवहन के क्षेत्र में – पहले व्यक्ति थोड़ी-सी दूरी तय करने में पर्याप्त समय लगा देता था, लम्बी यात्राएँ उसे स्वप्न – सी लगती थी; किन्तु अब रेलों, मोटरों तथा वायुयानों के आविष्कार ने लम्बी यात्राएँ भी अत्यन्त सुगम एवं सुलभ कर दी हैं।
(iii) चिकित्सा के क्षेत्र में— अनेक असाध्य बीमारियों का इलाज विज्ञान द्वारा ही सम्भव हुआ है। आधुनिक चिकित्सा-पद्धति इतनी विकसित हो गई है कि अन्धे के लिए आँखें और अपंग को अंग मिलना अब असम्भव नहीं रह गया है।
दवाओं, शल्य चिकित्सा, कृत्रिम श्वास इत्यादि के द्वारा मनुष्य को नया जीवन दिया जाता है। कैंसर, टी०बी० तथा हृदय रोग जैसे भयंकर जानलेवा रोगों पर विजय पाना विज्ञान के माध्यम से ही सम्भव हुआ है। वस्तुत: विज्ञान ने चिकित्सा की नवीन पद्धतियों के सहारे मनुष्य को दीर्घजीवी बनाया है।
(iv) शिक्षा के क्षेत्र में— शिक्षा के प्रसार व प्रचार में विज्ञान ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। विज्ञान के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किए गए हैं। टेलीविजन, रेडियो तथा सिनेमा ने शिक्षा को सरल बनाया है। कम्प्यूटर के प्रयोग ने तो छपाई व शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्ति ही ला दी है।
(v) कृषि के क्षेत्र में— आज हम अन्न के क्षेत्रों में आत्म निर्भर होते जा रहे हैं। इसका श्रेय आधुनिक विज्ञान को ही है। विभिन्न प्रकार के उर्वरक, कृत्रिम जल-व्यवस्था, बुआई तथा कटाई आदि के आधुनिक साधनों एवं कीटनाशक दवाओं ने खेती को सुविधापूर्ण और सरल बना दिया है। इसके कारण ही हम सरलता से पर्याप्त अन्न पैदा कर सके हैं।
(vi) मनोरंजन के क्षेत्र में— मनोरंजन के आधुनिकतम साधन विज्ञान की ही देन हैं। सिनेमा, रेडियो तथा टेलीविजन के आविष्कार ने मानव को उच्च कोटि के सरल और सुलभ मनोरंजन के साधन दिए हैं।
(vii) दैनिक जीवन में—हमारे दैनिक जीवन का प्रत्येक कार्य विज्ञान पर ही आधारित है। विद्युत का आविष्कार हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग बन गया है। बिजली के पंखे, प्रेस, गैस, स्टोव, फ्रिज, सिलाई मशीन, वाशिंग मशीन, अनेक वस्तुओं के निर्माण ने मानव को सुविधापूर्ण जीवन दिया है। आदि अनेक वस्तुओं के निर्माण में मानव को सुविधापूर्ण जीवन दिया है।
(viii) उद्योग के क्षेत्र में – औद्योगिक क्षेत्र में विज्ञान ने क्रान्तिकारी परिवर्तन किए हैं। भाँति-भाँति की मशीनों ने उत्पादन को बढ़ाया है। कपड़े, खाद्य-पदार्थ तथा दैनिक उपभोग की वस्तुओं को बनाने के लिए विज्ञान ने सरलतम साधनों के आविष्कार किए हैं।
(ix) परमाणु शक्ति के क्षेत्र में – इस युग को ‘परमाणु-युग’ कहा जाता है। आज अणु शक्ति द्वारा कृत्रिम बादलों के माध्यम से वर्षा की जा सकती है।
3. विज्ञान के चमत्कारों से लाभ एवं हानि-विज्ञान ने मानव को ऐसी अनेक वरदायिनी शक्तियाँ प्रदान की हैं। जिसके द्वारा मानव जीवन सरल बन गया है। विज्ञान ने मनुष्य को प्रत्येक क्षेत्र में सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं।
उसने उसे बाढ़, अकाल तथा महामारी से बचाया है, मनुष्य को निरोग बनाने में सहायता करके उसे दीर्घायु बनाया है तथा रहन-सहन सम्बन्धी सुविधाएँ प्रदान करके उसके जीवन को सुखमय बनाया है। विज्ञान ने अपराधों को कम करने में भी सहायता की
एक ओर जहाँ मनुष्य को विज्ञान से अनेक लाभ प्राप्त हुए हैं, वहीं उसके कारण समाज को अनेक हानियाँ भी हुई हैं। यंत्रों के अत्यधिक उपयोग ने बड़ी संख्या में लोगों को बेरोजगार कर दिया है। नवीन वैज्ञानिक प्रयोगों ने प्राकृतिक वातावरण को दूषित कर दिया है। परमाणु युद्ध के भय ने मानव को भयभीत कर दिया है।
विज्ञान के कारण ही मनुष्य अपनी पुरानी परम्पराएँ और आस्थाएँ भूल गया है तथा उसमें विश्व-बन्धुत्व की भावना लुप्त हो रही है। वैज्ञानिक आविष्कारों की निरन्तर स्पर्द्धा आज विश्व को खतरनाक मोड़ पर ले जा रही है। परमाणु तथा हाइड्रोजन बम नि:सन्देह विश्व-शान्ति के लिए खतरा बन गए हैं। इनके प्रयोग से सम्पूर्ण विश्व की संस्कृति पलभर में नष्ट हो सकती है।
4. उपसंहार–विज्ञान के गुणों और विशेषताओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि विज्ञान मानव के लिए वरदान ही सिद्ध हुआ है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हम वैज्ञानिक चमत्कारों के ऋणी हैं। यदि मानव विवेक से काम ले और विज्ञान का दुरुपयोग न करे तो धरती को स्वर्ग बनाया जा सकता है। वास्तव में विज्ञान स्वयं में एक चमत्कार है। एमर्सन ने कहा है— आज हम विज्ञान के युग में रह रहे हैं और विज्ञान के बिना मानव के अस्तित्व की कल्पना असम्भव प्रतीत होती है।