
इस लेख में हम दोनों भूमि प्रदूषण के प्रमुख कारण प्रभाव ,रोकने, के उपाय पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।
प्रदूषण सभी जीव जंतुओं एवं पेड़ पौधों के लिए जानलेवा है। यहां अच्छे से समझ चुका है। आज का मानो प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं। जैसे जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण,ध्वनि प्रदूषण और भूमि प्रदूषण आज हम भूमि प्रदूषण पर चर्चा करेंगे हमें आशा है। कि यह लेख आपके लिए बहुत सहायक होगा।
वायु और जल की तरह मिट्टी हमारी मूल आवश्यकता है। मिट्टी वनस्पति अनाज और पेड़-पौधों की जननी है। साफ मिट्टी पेड़ पौधों जीव जंतुओं मानव आदि सभी के लिए आवश्यक है। ठोस कचरे को उसकी सही जगह पर फेंकना चाहिए। यह भी भूमि प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है। हमें कचरे को कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।हमें अपने घर के आस-पास की साफ सफाई करनी चाहिए। जिससे कि प्रदूषण न फैलने पाए सबसे ज्यादा प्रदूषण शहरों में होता है। क्योंकि वहां पर जहां-तहां कचरे से किए जाते हैं। उनका चोरों से बहुत ही ज्यादा बदबू भी आती है। जिससे कि वायु प्रदूषण भी होता है। और भूमि प्रदूषण भी होता है।
भूमि प्रदूषण का अर्थ
भूमि प्रदूषण को परिभाषित करते हुए हम यह कह सकते हैं। कि भूमि प्रदूषण के भौतिक रासायनिक, जैविक गुणों में ऐसा कोई अवांछित परिवर्तन जिसका प्रभाव मनुष्य एवं अन्य जीवो पर पड़े या भूमि की प्राकृतिक गुणवत्ता तथा उपयोगिता नष्ट हो भूमि प्रदूषण कहलाता है।
पृथ्वी पर 4 भाग में से तीन भाग पानी है। और एक भाग भूमि है। 280 लाख वर्ग मीटर है। जनसंख्या वृद्धि में से भूमि उपयोग में विविधता एवं सघनता आई है। भूमि प्रदूषण आज पूरे विश्व के लिए बहुत ही बड़े समस्या का कारण बन चुका है। जोकि भूमि प्रदूषण कई तरीकों से होता है ।मानव जाति में सबसे ज्यादा भूमि प्रदूषण किया है।
भूमि प्रदूषण के कारण
भूमि प्रदूषण सभी जीव जंतु पेड़ पौधों के लिए हानिकारक है। मानव अपने स्वार्थ के लिए भूमि को दूषित करता जा रहा है। वह अपने आने वाले कल व भविष्य की चिंता भी नहीं कर रहा है। परंतु वह जानता है। कि भूमि प्रदूषण सभी प्राणियों के लिए कितना हानिकारक होता है। हमें कचरे को उसकी सही जगह पर फेंकना चाहिए। आसपास गंदगी नहीं फैलाने चाहिए। जिससे कि भूमि प्रदूषण कम होगा। कई कई जगहों पर हम सभी ने देखा होगा। की कूड़े या कचरे को डस्टबिन में ना डाल कर उसे वैसे ही फेंक दिया जाता है। यह एक भूमि प्रदूषण का बहुत ही बड़ा कारण है।
भूमि प्रदूषण के स्रोत
भूमि प्रदूषण भिन्न प्रकार के उपयोगी अपशिष्ट पदार्थों के भूमि में जमा होने का परिणाम है। यह अवशिष्ट पदार्थ, सर्वजनिक, औद्योगिक, घरेलू, खनिज, खनन एवं कृषि अपशिष्ट के रूप में होता है।
भूमि प्रदूषण को रोकने के उपाय
भूमि प्रदूषण को हम सभी को रोकना होगा नहीं तो यहां बहुत भयंकर रूप ले लेगी। जिससे कि कई सारी बीमारियां तथा रोग वायरस आदि जीव जंतुओं वनस्पति आदि को नष्ट कर देगा। भूमि प्रदूषण को निम्न उपायों से रोका जा सकता है।
- हमने अपने आसपास पेड़ पौधे फूल पत्तियां आदि को लगाते रहना चाहिए। जिससे कि भूमि प्रदूषण नहीं होगा तथा वायु प्रदूषण भी नहीं होगा।
- हमें अपने आसपास साफ सफाई रखनी चाहिए।
- हमें खुले में शौच नहीं करना चाहिए।
- हमें कचरे को खुली जगह में नहीं सीखना चाहिए।
- मृदा प्रदूषण को कम करने के लिए हमें प्लास्टिक के बने थैलियों को मिट्टी में नहीं फेंकना चाहिए।
- किसानों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले अधिक मात्रा में जैविक पदार्थों को कम करना चाहिए जिससे मृदा प्रदूषण कम होगा।
- हमें कागज की थैलियों का इस्तेमाल करना चाहिए।
- मृदा प्रदूषण फैलाने वाले वस्तुओं को हमें मिट्टी पर नहीं जलाना चाहिए। वायु और मृदा प्रदूषण दोनों होता है।
- फैक्ट्रियों से निकलने वाले हानिकारक रसायनों को अभी मिट्टी पर नहीं खेलना चाहिए।
- मृदा प्रदूषण कम करने के लिए हमें लोगों को जागरूक करना चाहिए।
उपसंहार
अगर हमारी मिट्टी ऐसे ही दूषित होती रही तो सभी जीव जंतु एवं पेड़ पौधे जल्द ही समाप्त हो जाएगा।1 दिन ऐसा भी आएगा। जब हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं बचेगा। इसीलिए हम सभी को जागरूक होना पड़ेगा। और भूमि प्रदूषण को रोकने के लिए आवाज उठानी चाहिये।तथा सभी को जागुरुब करना चाहिये। तथा सरकार इसके लिए स्वछ भारत अभियान भी चला रही है। लेकिन सरकार गाव गाव या गली गली जा कर साफ सफाई नहीं करेगी। इसलिए हम सभी को अपने आसपास साफ सफाई रखनी चाहिए। अगर हमहम सभी अपने आस पास साफ सफाई रखेंगे तो भूमि प्रदूषण कम हो जाएगा।