
हिंदी व्याकरण में हम ,अलंकार, संज्ञा, सर्वनाम, अवयव, निबंध लेखन, शब्द परिचय, मुहावरे पर्यायवाची विशेषण आदि पढ़ते हैं, ये सभी हिंदी व्याकरण की नींव होते हैं। Paryayvachi Shabd (पर्यायवाची शब्द) हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
विषय सूची
पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं?
जो समान अर्थ प्रदान करने वाले शब्द पर्यायवाची शब्द समान अर्थ के कारण किसी दूसरे शब्द का स्थान ग्रहण कर लेते हैं उन्हें पर्यायवाची शब्द अथवा समानार्थक शब्द कहलाते हैं।
जिस शब्द के दो या दो से अधिक अर्थ होते हैं वे शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं अर्थात शब्द के समानार्थक शब्द को ही पर्यायवाची शब्द कहते हैं लेकिन इनका भाव अलग होता है।
- जल- नीर ,पानी ,तोय ,अम्बु रस।
पर्यायवाची शब्द दो प्रकार के होते हैं।
1. पूर्ण पर्यायवाची शब्द । 2. अपूर्ण पर्यायवाची शब्द ।
1. पूर्ण पर्यायवाची शब्द-
जिस शब्द के स्थान पर उसका पर्यायवाची शब्द प्रयोग करने पर उसके अर्थ में कोई परिवर्तन ना हो पूर्ण पर्यायवाची शब्द कहलाता है।
जैसे- आँख के स्थान पर नेत्र ।
2. अपूर्ण पर्यायवाची शब्द –
जिस शब्द के स्थान पर उसका पर्यायवाची शब्द करें प्रयोग करने पर वाक्य अर्थ में परिवर्तन हो जाता है वह अपूर्ण पर्यायवाची शब्द कहलाता है।
जैसे- उत्पत्ति के स्थान पर जन्म।
अमृत – मधु ,सोम,अमिय, सुधा , अमी।
अरण्य- कानन, वन ,विपिन, जंगल।
अनुपम -अद्भुत ,अनूठा,अनोखा ,अतुल ,अद्वितीय।
अश्व– घोटक, तुरंग,हय ,घोड़ा।
असुर-निशाचर, राक्षस , दानव, देवारि।
अग्नि – पावक ,अनल,आग ,दव।
अचल– पर्वत, स्थिर,नग ,गिरी , महीधर।
अतिथि-आगंतुक ,अभ्यागत , मेहमान ,पाहुन ,।
अप्सरा -दिव्यांगना ,सुरसुंदरी ,देवांगना, देवबाला।
अपमान -अनादर ,बेज्जती ,अवमान ,तिरस्कार ,उपेक्षा।
अर्जुन -भारत ,धनंजय ,पार्थ ,कौंतेय।
अधिकार– सामर्थ्य ,क्षमता ,शक्ति, दावा ,हक।
अंगूठी -मुद्रा ,मुद्रिका, अंगुलिका ।
अज्ञानी -मूढ़,अनजान ,मूर्ख,अनभिज्ञ।
अमर -अनश्वर ,नित्य ,अक्षय।
अधर-ओष्ठ,ओठ, रदपट।
उत्थान– चढ़ाव ,उत्कर्ष ,आरोह,उत्क्रमण।
उत्कर्ष -उन्नति ,अभ्युदय ,उत्थान, आरोह।
उत्पत्ति– उद्गम ,जन्म, उद्भव ।
एकता -एकसूत्रता,अभिन्नता,एकरूपता, अभेद।
ऐशवर्य– वैभव, श्री ,संपन्नता, संपदा।
ओज -बल, जोर ,पराक्रम, ताकत ।
ओस– हिमकर,तुषार ,हिमबिन्दु।
कुबेर -धनपति ,किन्नरदेव ,यशराज।
कपड़ा– पत,चीर,वस्त्र ,वसन।
कारागार – कारावास ,जेल ,कैदिखाना ।
किरण -रश्मिकर ,अंशु ,मयूख।
कोकिल-कोयल ,वनप्रिय,पिक, कोकिला।
कबूतर -रक्तलोचन,कपोत ,हारीत।
कंचन -कनक,सोना ,स्वर्ण, सुवर्ण।
अदृश्य– गायब ,अस्त,लुप्त ,अंतर्ध्यान।
अनिवार्य -जरूरी ,आवश्यक, अपरिहार्य ,
असभ्य– अशिष्ट ,गवार ,बर्बर।
आंख– नेत्र ,दृष्टि, नयन,लोचन , अम्बल।
आम-सहकार ,अमृतफल,रसाल, आम्र।
आपत्ति-विपदा ,मुसीबत ,आपदा ,विपत्ति।
आनंद– आमोद, प्रमोद,प्रसन्नता, हर्ष।
आकाशगंगा -सूर्य, नदी ,नभगंगा,मंदाकिनी ,स्वर्गनदी।
आयुष्मान– शतायु ,दीर्घायु ,चिरायु ,चिरंजीवी।
आज्ञा– मंजूरी ,सहमति ,अनुमति ,स्वीकृति ,इजाजत।
आदि -आरंभिक, पहला ,प्रथम, शुरू का ।
आहार– खाद्य वस्तु ,भोजन ,खाना ,भोज्य सामग्री।
आकाश -व्योम, गगन,अंबर ,अनन्त।
आलोचना -टीका ,समालोचना ,समीक्षा, टिप्पणी।
आदित्य– दिवाकर ,सूर्य ,दिनकर, प्रभाकर।
आभूषण– अलंकार, जेवर,भूषण, आभरण, गहना।
आंगन -बगर ,प्रांगण।
इंद्रधनुष – सप्तवर्ण,शकरचक्र,सुरधनू।
ईर्ष्या -कुढ़न,जलन ,द्वेष।
इंद्रपुरी– अमरावती ,इंद्रलोक ,देव लोक ,देवेंद्र पुरी ।
इंद्राणी -मधुवानी ,इंद्रवधू , शची।
इंद्र– शक्र, पुरन्दर,सुरपति, मधवा,देवराज।
ईमानदारी –निष्ठा ,निष्कपटता , सत्य ,निछलता।
ईश्वर -जगदीश, जगन्नाथ ,परमेश्वर ,ईश,प्रभु।
उत्तम -उत्कृष्ठ,श्रेष्ठ ,बढ़िया, प्रशस्त।
उपेक्षा -विराग ,विरक्ति ,लापरवाही ,उदासीनता ।
उन्नति -विकास ,तरक्की,उत्थान ,उत्कर्ष।
उत्सव– त्यौहार ,पर्व ,मंगलकार्य, समारोह ।
उत्कंठा -उत्सुकता ,आतुरता, लालसा।
कमल – अंबुज ,सरोज ,जलज,पंकज, नलिन ।
कामदेव– मनोज, आनंद,मदन ,कुसुमेश।
क्रोध -रोष ,अमर्ष।
कुत्ता– शुनक,श्वान,कुक्कुर, सारमेय।
कृष्ण– गिरिधर, मुकुंद, गोपीनाथ,श्याम, मुरलीधर ,वासुदेव।
कन्या -कन्हैया ,किशोरी,बालिका ,बाला।
कार्तिकेय -कुमार ,स्कंद।
कर -हस्त,हाथ, भुज ।
कटु– कड़ा ,तीखा, कर्कस।
कृतिम – बनावटी ,नकली ,दिखावटी ,वास्तविक।
कपट– झांसा ,धोखा ।
कामुकता– भोगासक्ति ,विषयासक्ति।
किनारा– कूल ,तीर ,छोरा।
खल– नीच ,कुटिल, दुर्जन ।
खग -पक्षी, द्विज,विहग ,चिड़िया।
गंगा– देवनदी ,भागीरथी ,मंदाकिनी ,जानवी ,विष्णुपदी।
गज– करि,हस्ति, हाथी ।
गरुड-सुपर्ण,खगेश, खगपति ।
घर -मंदिर ,धाम ,सदन ,भवन, निकेतन।
गाय– गौरी, भद्रा,सुरभि ,दीन।
गधा– खर, गरभ।
गरीब– दरिद्र,निर्धन, अकिंचन।
गणेश– लंबोदर ,विनायक,गजानन ,गणपति , गिरिजानंदन।
चतुर-प्रवीण , निपुण, पटु।
कुशल -लोचन,अक्षि, नयन।
चांदनी -चंद्रिका, ज्योत्सना।
धन– पैसा ,माल ,द्रव्य ,दौलत ,संपदा ।
धनुष– कमान ,चाप ,धनु ,पिनाक।
धूप -धाम, धोत।
धन्यवाद– कृतज्ञता ,आभार ,शुक्रिया।
धनंजय -कौन्तेय,अर्जुन,पार्थ, गांडीवधारी।
नियति -भावी,भाग्य ,होनी।
नाव -डोंगी,नैया,नौका, जलपात्र ,तरी।
नमक -रामरस,लवण ,लोन ,नोन।
नदी– तरंगिणी ,सरिता ,तटनी ।
पत्थर -शिला ,पाषाण, उपल।
पंडित -मनीषि,विद्वान, धीर ,विलक्षण।
पत्नी– सहगामिनी,भार्या, दारा, गृहिणी।
पताका– ध्वजा,ध्वज,झंडा, निशान।
पवन– समीर,अनिल,वायु,हवा।
पक्षी– विहग,पतंग,खग,अंडज।
पत्ता-पर्ण,दल,पल्लव,पत्र।
चंदन– हरीगन्ध,मलय, मलयज ,दिव्यगन्ध।
चपला – विद्युत, चंचला ,बिजली, दामिनी।
जल– उदक,तोय ,नीर, वारि, सलिल।
जानकी -जनकसुता ,सीता ,वैदेही ,जनकतनाया।
जंगल– अरण्य, विपिन ,कानन, कानन।
जगत -भव, लोक,विश्व ,संसार, दुनिया।
जमुना– यमुना ,रवितनया ,सूर्यसुधा, कालिंदी ,रविनंदिनी ।
झरना -स्रोत ,प्रपात, जलप्रपात।
झोपड़ी– कुंज ,कुटिया, छानी।
तम– तिमिर,अंधकार, अंधेरा।
तालाब -तड़ाक पुष्कर,सर ,जलाशय ,सरोवर, पोखर।
तरुणी– सुंदरी ,प्रमदा,युवती , रमणी।
तिरस्कार -अपमान, निरादर ,उपेक्षा ,बेज्जती।
तानाशाह– निरंकुश, शासक ,अधिनायक, डिक्टेटर।
तोता– कीर,सुआ, शुक।
तरु– विटप ,पेड़ ,वृक्ष ,पादप।
तलवार– शमशीर,असि,करवाल ,कृपाण।
पृथ्वी– जमींन,धरा,धरती, भूतल।
दास– भृत्य,किंकर,अनुसेवक, परिचारक।
दीपक– दिया ,दीप,चिराग ,प्रदीप।
दुख -क्लेश, यातना,पीड़ा ,कष्ट,व्यथा।
दामिनी– तड़ित,प्रभा,चपला, बिजली।
दासी-सेविका,किंकरी,अनुचरी,परिचारिका।
दुर्गा -चंडिका ,भवानी ,सिंहवाहिनी, कल्याणी।
द्रौपदी– याज्ञसेनी,पांचाली,कृष्णा।
दैत्य– दानव,असुर,दनुज, सुरारि।
दूध– दुग्ध,पय, क्षीर,पीयूष।
दीपावली– दीपोत्सव, दीवाली,दीपमाला, दीपमालिका।
दर्पण– मुकुर, आदर्श,शीशा, प्रतिमान ।
देवता – अमर, सुर,आदित्य, अमर्त्य, देव, विवुध , निर्जर।
दिन– वासर, अहन,दिवा, दिवस, वार।
दाँत– द्विज, दशन,रद,रदन, दन्त।
द्वेष– दुश्मनी,शत्रुता, बैर, विरोध।
पटु– निपुण, कुशल,प्रवीण, दक्ष, होशियार।
पुत्र– सूत, आत्मज,बेटा, तनुज, तनय।
परतन्त्र– पराश्रित, गुलाम,पराधीन, परवश,अधीन।
पार्वती– अम्बिका, भवानी,गिरिजा, गौरी।
पिता– जनयिता, बाप ,तात, जनक, पितृ।
पर्वत– शैल, नग,भूधर, गिरी, महीधर, मेरु।
पल्लव– पत्ती, कोपल,किसलय, पर्ण, पात।
पुत्री– दुहिता,तनया, आत्मजा, सुता, बेटी।
प्रगति– श्रीवृद्धि,विकास, उन्नति, तरक्की।
प्रख्यात– मशहूर,प्रसिद्ध, विख्यात, यशस्वी।
प्रिया – वल्लभा ,प्रेयसी ,प्यारी ,प्रभात।
उषाकाल -प्रातः,अरुणोदय, प्रभात।
फूल– पुहुप, सुमन,पुष्प, कुसुम, प्रसून।
बंदर – वानर, कपि, मर्कट , कपीस ,शाखामृग।
बाघ– चित्रक,व्याघ्र ,शार्दुल, व्याल।
बादल – वारिद,नीरद, मेंघ,जलधर, वारिधर।
बालिका– बेटी ,कुमारी,गौरी, कन्या , किशोरी।
ब्राह्मण -भूदेव,विप्र, द्विज, भूसुर, बाभन।
ब्रह्मांड -संसार ,दुनिया ,जगत, विश्व ,जगती।
बगीचा -वाटिका ,बाग, उपवन, उद्यान, निकुंज।
बचपन -बाल्यावस्था ,बालपन ,लड़कपन ,बचपना।
बसंत -मधुमास ,ऋतुराज, ऋतुपति ,कुसुमाकर।
भारती– वागीश्वरी ,वाणी ,वागीश ,शारदा।
भव्य -दिव्य,शानदार ,रमणीय, मनोहर।
भ्रमर– मधुप,अलि, मधुकर, सारंग।
भोला– निश्छल,सरल, सीधा, अकुटिल।
भय– खौफ,त्रास, भीति, डर, आतंक।
रात्रि – रजनी ,यामिनी ,राका, निशा ,विभावरी।
रमा -इंदिरा ,श्रीकमला, विष्णुप्रिया ,लक्ष्मीकांता।
राजमहल– राजप्रसाद,राजभवन ,राजमंदिर।
राधा– राधिका,हरिप्रिया , ब्रजरानी।
राम -रघुनंदन ,रघुवर ,रघुपति ,राघव ,सीतापति।
रावण -लंकापति,लंकेश, दशानन दशकण्ठ।
रश्मि– मरीच, मयूख, कर , अंशु, किरण।
लक्ष्मण– सौमित्र, शेष,लखन, अनन्त।
लज्जा– लाज,संकोच, ह्या, शर्म।
वस्त्र– अम्बर, वसन,पट , परिधान, चीर।
वाणी – भारती,भाषा,वचन, गिरा, बोली।
विद्धवान– विज्ञ,कोविद, सुधी।
वल्लभ– प्रिया,पति, प्रियतम, प्राणनाथ।
वृक्ष– शाखी, तरु,पेड़ , पादप, विटप।
वायु– समीर,अनिल, पवन, हवा।
वज्र– कुलिश,अशनि, पवि।
बाण-सर, इषु, विशिख, नाराच।
विष– जहर,गर्ल, कालकूट, हलाहल।
जुगनू -पटबीजना,प्रभाकीट।
चंद्रमा -रजनीपति ,निशानाथ ,सुधाकर, शशांक,सुधांशु।
चमक– शोभा ,छवि,ज्योति, प्रभा , आभा।
कृतज्ञ– अनुग्रहित,ऋणी, आभारी, उपकृत ।
मोक्ष– सद्गति, निर्वाण,कैवल्य, मुक्ति, परम पद।
मित्र -यार ,सहचर ,सखा, दोस्त ,।
मोर-नीलकंठ, शिखंडी , मयूर ,सुखी, ध्वजी,कलापी।
मैना– मधुरलापा ,चित्रलोचना, सारिका ,कलहप्रिया ।
मुर्गा– अरुणाशिखा ,कुक्कुट, ताम्रचूर्ण।
मुनि– साधु ,यति ,सन्यासी ,योगि, तपस्वी,संत।
मदिरा -शराब ,आसव ,हाला ,सूरा ,मधु।
महारानी– राजरानी ,पटरानी ,महिषी।
माया -धोखा, छलनाछल, प्रपंच ।
मछली– जीवन ,शफरी ,मत्स्य, जल -मीन।
मनोहर– सुंदर, मोहक, मंजू, चारु , मनोरम।
मां- मैया ,जननी, अंबा, अंबिका ,माता ।
यमुना– भानुजा ,कालिंदी,सूर्यतनया,तरणीतनुजा ,सूर्यसुता।
यश-नाम, प्रसिद्ध, ख्याति, कीर्ति।
युवती– किशोरी ,रमणी ,सुंदरी ,श्यामा, तरुणी।
यम– काल, मृत्यु पति ,धर्मराज ,यमराज ,श्राद्धदेव।
राजा -नरेश, भूपाल, नरेंद्र,भूपति, भूप, महिप, ।
रंक-धनहीन, कंगाल निर्धन ,चरित्रहीन,
पर्यावाची शब्द के कुछ अन्य उदाहरण –
- जुगनू – पटबीजना, प्रभाकीट।
- नसैनी– सीढ़ी,जीना, सोपान।
- नाऊ– हजाम, क्षौरकार, नाई,हज्जाम, नाऊठाकुर।
- निवेदन– अनुनय, विनती, प्रार्थना, गुजारिश,विनय, इल्तजा।
- नीरस– बेरस, बेजायका,फीका, अस्वाद।
- नूतन– नवल, नव्य,नव, नवीन।
- निखट्टू– आलसी, अकर्मण्य,निकम्मा, निठल्ला।
- निगोड़ा– बेकार, निठल्ला, अभागा,अकर्मण्य, भाग्यहीन, निराश्रम।
- निर्धन– दरिद्र, दीन, रंक, कंगाल,धनहीन, गरीब।
- निर्बल– निःशक्त, क्षीण, दुर्बल,कमजोर, दुबला-पतला।
- न्यायाधीश– न्यायमूर्ति, जज,न्यायकर्त्ता, धर्माधिकारी।
- ढिलाई– सुस्ती, ढीलापन, आलस्य।
- बाण- विशिख, सर,इषु, नाराच।
- मछली – मत्स्य, शफ़री, झष, डलूमी, मीन, मकर ।
- मूर्ख – अज्ञ, मूढ़,जड़, निर्बुद्धि ।
- मुख – आनन, मुँह,चेहरा, वदन ।
- मदिरा – मद्य, शराब, हाला,सुरा, वारुणी, दारु, कादम्बरी ।
- मृत्यु – स्वर्गवास, देहावसान,मरण, निधन, देहान्त ।
- मुनि – संत, साधु, संन्यासी,तापस, यति,वैरागी।
- मार्ग – पथ, बाट, राह,रास्ता, पंथ, मग, डगर