
जीवन परिचय –
- जन्म- 1498 ईसवीं
- जन्म स्थान– कुड़की( राजस्थान)
- पिता का नाम– रतन सिंह
- माता का नाम- वीर कुमारी
- गुरु का नाम- संत रविदास
- मृत्यु – 1560 ईसवीं (मथुरा)
महान भक्ति कवियत्री मीराबाई जी का जन्म 15वीं शताब्दी 1498 ईस्वी में राजस्थान के पाली नामक शहर के कुड़की नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम रतन सिंह था और उनकी माता का नाम वीरकुमारी था। इनके जन्म के कुछ वर्ष पश्चात ही इनकी माता का निधन हो गया। और इनका पालन-पोषण इनके दादा राव दूदा द्वारा किया गया। मीराबाई जी बचपन से ही भक्ति में रुचि रखने लगी थी। और यह श्री कृष्ण जी की आराधना करने लगी। मीराबाई जी के गुरु का नाम संत रविदास था। और संत रविदास जी के गुरु का नाम रामानंद था।
मीराबाई जी का विवाह उदयपुर के राजा भोजराज के साथ हुआ। भोजराज मेवाड़ के महाराजा राणा सांगा के पुत्र थे। विवाह के कुछ समय बाद ही मुगलो से युद्ध करते हुए इनके पति का निधन हो गया। पति की मृत्यु के बाद मीरा जी को सती करने के लिए जोर दिया गया। लेकिन वह सती प्रथा का विरोध करते हुए सती के लिए तैयार नहीं हुई। मीराबाई जी पति की मृत्यु के बाद भी अपना श्रृंगार नहीं त्यागा क्योंकि वह बचपन से ही भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मान चुकी थी।
पति की मृत्यु के बाद मीराबाई जी संतों की संगति में आकर भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो गई। यह श्री कृष्ण की भक्ति में व उनके दर्शन के लिए श्री कृष्ण की मूर्तियों के सामने नाचना और गाना शुरू कर दिया। इनका नाचना और गाना राज परिवार को अच्छा नहीं लगता था। जिससे राज परिवार के लोग उन्हें कई बार विष देकर मारने का प्रयास किया। जिससे परेशान होकर मीराबाई जी द्वारिका और वृंदावन में जाकर श्री कृष्ण की भक्ति करने लगी। और इनकी मृत्यु मथुरा में रणछोड़ नामक मंदिर में नाचते गाते हुए 1560 ईस्वी में हो गई।
रचनाएं एवं कृतियाँ –
- राग गोविंद
- मीरा पदावली
- नरसी जी का मायरा
- गीत गोविंद का टीका
- सोरठा के पद
- राग विहाग
- गरवा गीत
- मीराबाई की मल्हार आदि।
काव्य भाषा या शैली –
मीरा जी अपने काव्य में बहु भाषा एवं सरलतम भाषा का प्रयोग किया है जैसे राजस्थानी , बंगाली , गुजराती एवं ब्रजभाषा आदि।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर-
- प्रश्न :- मीरा जी अपना सबकुछ किसको मानती थी?
- उत्तर :- भगवान श्री कृष्ण को।
- प्रश्न :- भगवान श्री कृष्ण को अपनाने के लिए मीरा जी ने क्या-क्या किया?
- उत्तर :- मीरा जी ने अपना लोक लाज खोया और पर्दा प्रथा का विरोध किया।
- प्रश्न :- कृष्ण की भक्ति में मीरा जी क्या करने लगी?
- उत्तर :- नाचने और गाने लगी।
- प्रश्न :- लोग मीरा जी को बावली क्यों कहते थे?
- उत्तर :- मीरा जी कृष्ण की भक्ति में अपनी मर्यादा और पर्दा प्रथा का ध्यान नहीं रखती थी।
- प्रश्न :- राजा ने मीरा के लिए क्या भेजा था और क्यों?
- उत्तर :- विष का प्याला भेजा था ताकि मीरा जी की मृत्यु हो जाए जिससे राज परिवार की बदनामी ना हो।