रूपरेखा—(1) प्रस्तावना, (2) लॉकडाउन के लाभ, (3) लॉकडाउन से हानि, (4) उपसंहार।

लॉकडाउन : समस्या या समाधान पर निबंध – Lockdown samasya ya samadhan par nibandh
1. प्रस्तावना – लॉकडाउन यह मानवजाति के इतिहास में पहली बार है, जहाँ पूरे देश में धारा 144 के तहत सबको घर में रहने की सलाह दी गई है। यह इसलिए किया गया; क्योंकि एक ऐसे जानलेवा वायरस ने हमला बोल दिया कि पूरी दुनिया में लाखों लोग की जान चली गई है और अब भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
कोरोना वायरस से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है, सामाजिक दूरी। यह संक्रमण एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है। भारत सरकार ने हिदायत दी है कि हम पर्सनल और प्रोफेशनल रिश्ते से हर संभव दूरी बनाए रखें, तभी हमें इस वायरस से मुक्ति मिल सकती है। भारत के सभी राज्यों में लोग घर पर रहकर सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
2. लॉकडाउन के लाभ – रोजमर्रा की जिंदगी में हम कार्यालय के कार्यों में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हमें अपने परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका नहीं मिलता। पहले 21 दिनों के लॉकडाउन में हमें वे बहतरीन पल मिले जिसमें अपने प्रियजनों के साथ वक्त व्यतीत किया । जहाँ कुछ लोगों ने यूट्यूब से वीडियो देखकर भोजन बनाना सीखा।
कुछ लोगों ने घर पर परिवार संग अंत्याक्षरी खेला, कुछ ने मशहूर चलचित्र और बेव-सेसिस देखा। कुछ लोगों को; जिन्हें अपने बच्चों के साथ वक्त बिताने का अवसर नहीं मिलता था, लॉकडाउन के कारण यह सुअवसर प्राप्त हुआ। बच्चों के साथ वीडियो गेम्स, कैरम जैसे खेलों का आनन्द लिया। विद्यालय में छुट्टी होने के कारण घर बैठकर शिक्षकों ने ऑनलाइन क्लासेज का सहारा लिया ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा में कोई नहीं रुकावट आए।
लोगो को लॉकडाउन के इन कुछ दिनों में अपने दिल में दबे शौक पूरा करने का आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज ने इसका फायदा का उठाया। किसी ने कोई वाद्य यन्त्र बजाना सीखा, किसी ने नृत्य सीखा और अभ्यास किया जो दैनिक जीवन में असम्भव है।
लॉकडाउन रहने के कारण कोरोना वायरस के मरीजों में गिरावट आई और संक्रमण फैलने का खतरा कम हुआ।
हमारे रोजमर्रा की जिंदगी की चीजों में कमी न हो इसलिए किराने के सामान, फल, सब्जी और दवाइयाँ बाजार में उपलब्ध रहीं। लॉकडाउन से बड़े-बड़े कारखानों और वाहनों का चलना निषेध हो गया, जिसके कारण प्रदूषण की कमी आई। कल-कारखानों का कचरा जो बाहर नदी आदि के जल में प्रवाहित कर दिया जाता था, उस पर रोक लग गई।
अब वायु प्रदूषण में नियन्त्रण आ चुका है, साथ ही जल और ध्वनि प्रदूषण में भी गिरावट आई है, जो प्रकृति के लिए लाभदायक है। परिंदे आकाश में स्वच्छन्द रूप से सैर कर रहे हैं। वायु पहले के मुकाबले शुद्ध हो गई है। आकाश का रंग नीला है जिसके रंग को हम भूल गए थे। लॉकडाउन के कारण प्रदूषित वातावरण हर प्रकार से शुद्ध हो गया है।
3. लॉकडाउन से हानि– बड़े-बड़े कार्यालय, कल-कारखानों को बन्द करने के कारण मजदूरों पर आफत आ गई है। जो मजदूर दैनिक मजदूरी पर जीवन-यापन करते थे, उनके घरों का चूल्हा तक जलना बन्द हो गया। बस्ती में लोग भूखे सो रहे हैं। गरीब घरों पर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
उनके पास घर लौटने तक पैसे नहीं हैं। देश में ऐसी परिस्थिति के कारण को समझते हुए देश की सरकार ने प्रधानमंत्री राहत कोष से जरूरतमंद लोगों की सहायता करने का निर्णय लिया । बहुत सारे लोगों ने भी आगे आकर मदद करना आरम्भ कर दिया। लगभग सभी देशों के कारोबार को भारी क्षति हुई है।
बड़े-बड़े कारखानों को बन्द करने के कारण से उनको भयानक हानि सहन करनी पड़ रही है। बाकी व्यवसायियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लॉकडांउन से भारत को अनुमानत: 100 अरब डॉलर तक घाटा होने की आशंका है। कोरोना वायरस से 14 अप्रैल तक देश में लॉकडाउन रखना चाहती थी किन्तु अब 31 मई तक क्रमश: चार चरणों में लॉकडाउन की व्यवस्था की गई है।
भारत में लॉकडाउन के कारण घर में रहते हुए लोगों को मानसिक समस्या हो सकती है। इससे छोटे बच्चों को काफी समस्या हुई है। वे बाहर खेलने-कूदने में असमर्थ हैं। कई लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं। इन सबसे बचने के लिए एक उपाय यह है कि अपने आपको ज्यादा-से-ज्यादा कामकाजों में लगाए रखें, जिससे यह सब ख्याल हमारे मस्तिष्क में न आएँ।
4. उपसंहार – भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के प्रकोप को नियन्त्रण करने के लिए 14 अप्रैल तक पूरी तरह से लॉकडाउन की घोषणा की थी लेकिन संक्रमण को बढ़ते हुए देखकर चार चरणों में 31 मई तक बढ़ा दी है। इनके निर्देशों का पालन करना हमारा कर्त्तव्य है, ताकि शीघ्रातिशीघ्र इस जानलेवा महामारी से मुक्ति मिल सके।