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भूमिका
गाय का भारत में सबसे ज्यादा महत्व है क्योंकि भारतवासी गाय को अपनी माता मानते हैं तथा गाय की पूजा भी करते हैं गाय हमारे लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी है गाय की पूरे विश्व में बहुत ही अधिक भूमिका है वैदिक काल में गायों की संख्या व्यक्ति की समृद्धि होती थी
उपयोगिता
गाय का दूध बहुत ही ज्यादा उपयोगी होता है। यह बच्चों तथा बुजुर्ग आदि को बहुत ही ज्यादा ऊर्जा प्रदान करता है। तथा गाय के दूध में कई सारी प्रोटीन होती हैं। जोकि हमारे शरीर को मजबूत बनाए रखती हैं। तथा हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होती है। गाय का दूध रोज एक ग्लास पीना चाहिए। पुराने समय में गाय को बहुत ही ज्यादा उपयोगी माना जाता था। क्योंकि गाय के बछड़े को जब बड़ा हो जाता था। उसे खेती करने के उपयोग में लाया जाता था। क्योंकि तब इतने आधुनिक साधन नहीं थे।
गाय के दूध से कई सारे पकवान बनाए जाते हैं गाय के दूध से घी दूध मक्खन आदि का उत्पादन होता है। भारत में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन होता है। एक सर्वे के अनुसार वर्ष 2019-20 मैं 19.84 करोड़ टन दूध हुआ था। जिससे कि भारतीय रुपए में 7.72 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। गाय के गोबर से खेतों में फसलें अच्छी होती हैं। तथा गाय का दूध बच्चों के लिए बहुत ही अधिक उपयोगी होता है। गाय के सभी अंग किसी ना किसी काम में जरूर आते हैं। गाय के चमड़े से कई सारे कपड़े तथा जूते बनाया जाते हैं। गाय के मूत्र से औषधियां बनाई जाती हैं। गाय के मर जाने पर गाय गाय के हड्डियों से खाद तैयार की जाती है। जिससे खेतों में फसल उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। गाय के सिंह से कई सारे चीजें बनाई जाती हैं। गाय का सभी अब किसी न किसी काम में आता है।
गाय की शारीरिक रचना
गाय के चार पैर होते हैं। तथा एक मुख होता है गाय की एक कोच होती है। जो की मक्खी उड़ाने आज के काम में आती है। गाय के दो कान होते हैं। दो आंखें होती हैं। दो सिंह होती है। चार थन होते हैं। जिससे कि दूध निकलता है। गाय की कुछ ही प्रजातियों में सींग नहीं होती है।
गायों की प्रमुख नस्लें
गाय की भारत में कई नस्लें पाई जाती हैं। हसीवार ( दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब ) वीर ( कठियावाडा ) थारपारक ( जोधपुर, जैसलमेर कच्छ ) आदि है। विदेशों में जर्सी गाय सबसे अधिक होती है। क्योंकि या दूध अधिक देती है। भारत की गाय की तुलना में जर्सी गाय का शरीर अधिक भारी होता है। और बड़ा होता है।
गाय का रंग
गाय का रंग काला, लाल, सफेद, चितकबरा आदि ही होता है।
गाय का धार्मिक महत्व
गाय को भारत में देवी का दर्जा प्राप्त है माना जाता है। कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास है। इसीलिए दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है। और उनका मोर पंख आदि से सिंगार किया जाता है।
निष्कर्ष
शहरों में दुर्भाग्य से जिस तरह पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। और उन्हें ऐसे ही सड़कों तथा ऐसे ही कई जगह पर फेक दिया जाता है। जिसे खाकर गाय की अकाल मृत्यु हो जाती है। ऐसे में हम सभी को आवाज उठानी होगी जिससे कि कचरे को कूड़ेदान में डालना चाहिए। वैसे तो पॉलीथिन का उपयोग बंद कर देना चाहिए। इस पर सरकार ने रोक भी लगा चुकी है। अगर ऐसे ही गाय मरती रही तो हमारे भारत की आस्था तथा अर्थव्यवस्था दोनों ही धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। कुल मिलाकर गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है।