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डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम पर निबंध – Doctor APJ Abdul Kalam Par Nibandh

डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम अथवा भारत रत्न एवं पूर्व राष्ट्रपति : डॉ० अब्दुल कलाम अथवा मिसाइल मैन

रूपरेखा 1. जीवनवृत्त 2. व्यक्तित्व एवं कृतित्व

Doctor APJ Abdul Kalam Par Nibandh
Doctor APJ Abdul Kalam Par Nibandh

1. जीवनवृत्त – डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न से सम्मानित डॉ० ए०पी० जे० अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर सन् 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम् स्थित धनुषकोड़ि गाँव में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ० अब्दुल कलाम जी का पूरा नाम ‘अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था।

‘मिसाइल मैन’ के नाम से लोकप्रिय भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ० ए०पी० जे० अब्दुल कलाम का 27 जुलाई सन् 2015 को भारतीय प्रबन्धन संस्थान (IIM) शिलांग में एक व्याख्यान के अवसर पर हृदयाघात से निधन हो गया, वे 83 वर्ष के थे। सरकार द्वारा उनके निधन पर सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषण की गई।

अब्दुल कलाम जी को मिसाइल मैन तथा जनता के राष्ट्रपति के नाम से भी जाना जाता है। आप भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे।

आपने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का कार्य संभाला एवं भारत के नागरिक अन्तरिक्ष कार्यक्रम एवं सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी सम्मिलित रहे।

इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपणयान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा।
कलाम जी ने 1974 ई० में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद दूसरी बार सन् 1998 में भारत के पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, तकनीकी तथा राजनैतिक भूमिका निभायी।

आप सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ सन् 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गए। पाँच वर्षीय सेवा के पश्चात् वह शिक्षा, लेखन तथा सार्वजनिक सेवाकाल के अपने नागरिक जीवन में लौट आए।

आपने भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ सहित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए। कलाम जी का कार्यकाल 25 जुलाई सन् 2002 से 25 जुलाई सन् 2007 तक माना गया है।

2. व्यक्तित्व एवं कृतित्व — डॉ० अब्दुल कलाम अपने व्यक्तिगत जीवन में पूर्ण रूप से अनुशासन का पालन करने वालों में से एक थे। ऐसा कहा जाता है कि इस्लाम धर्म के होते हुए वे श्रीमद्भगवद् गीता का तथा कुरान का नित्य अध्ययन करते थे।

कलाम जी ने कई स्थलों पर कहा है कि वे अपने ही भाषणों में कम-से-कम एक ‘कुरत्न’ का उल्लेख अवश्य करते थे। कलाम जी की विशेष इच्छा थी कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका का विस्तार हो तथा भारत ज्यादा-से-ज्यादा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाए।

डॉ० कलाम जी ने अनेक प्रेरणाप्रद पुस्तकों की भी रचना की। वे तकनीक को भारत के जन साधारण मनुष्य तक पहुँचाने की हमेशा वकालत करते रहे। बच्चों तथा युवाओं के बीच डॉ० कलाम अत्यधिक लोकप्रिय रहे। आप भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलपति भी थे।

कलाम ने अपने विचारों को चार पुस्तकों में समाहित किया हैं जो इस प्रकार हैं— इण्डिया 2020, ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम, माई जर्नी तथा इग्नाटिड माइण्डस,अनलीशिंग द पॉवर विदिन इण्डिया। इन पुस्तकों का कई भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।

इस प्रकार आप भारत के एक विशिष्ट वैज्ञानिक थे, जिन्हें 40 से अधिक विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हो चुकी है। उनका कहना था— “सबसे उत्तम कार्य किसी इंसान के दिल को खुश करना, किसी भूखे को खाना देना, जरुरतमंद की मदद करना, किसी दुःखियारे का दुःख हल्का करना और किसी घायल की सेवा करना।” भारत ऐसे वैज्ञानिक को पाकर धन्य हो गया। पृथ्वी तथा अग्नि मिसाइल बनाकर वे सदा के लिए अमर हो गए।

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