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कम्प्यूटर पर निबंध – Computer par Nibandh in Hindi

कम्प्यूटर अथवा कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र पुरुष अथवा कम्प्यूटर : आज की आवश्यकता

रूपरेखा – 1. प्रस्तावना 2. कम्प्यूटर का परिचय 3. कम्प्यूटर के उद्योग 4. उपसंहार।

कम्प्यूटर पर निबंध - Computer par nibandh in Hindi
Computer par nibandh in Hindi

1. प्रस्तावना – बीसवीं शताब्दी में विज्ञान के क्षेत्र में जो भी विकास और परिवर्तन हुए हैं उनमें अन्तिम दशक में हुए परिवर्तन ही अधिक महत्त्वपूर्ण हैं। वर्तमान समय में विज्ञान के विकास की गति तीव्र से तीव्रतर होती जा रही है। पिछले सौ वर्षों में वैज्ञानिक अनुसंधानों और आविष्कारों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण योगदान कम्प्यूटर का रहा है।

2. कम्प्यूटर का परिचय – वैसे तो आधुनिक कम्प्यूटर(यन्त्र) की योजना चार्ल्स बैवेज (1792-1871) ने की थी परन्तु इसका उल्लेखनीय उपयोग सबसे पहले अमेरिका के विद्वान हरमान होल्लेरिथ ने किया था। कम्प्यूटर एक ऐसा (यन्त्र) है जिसमें गणित सम्बन्धी सूत्रों तथा विभिन्न तथ्यों को सूत्र रूप से भर दिया जाता है और जो आंशातीत गति से विभिन्न समस्याओं और ग़णनाओं को सुलझा सकने में समर्थ है। कभी-कभी मानव द्वारा बनाए गए इस यंत्र की कार्यक्षमता एवं तीव्र गति को देखकर आश्चर्य होता है।

3. कम्प्यूटर के उद्योग – वैसे तो कम्प्यूटर(यन्त्र) अब धीरे-धीरे हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रवेश करता जा रहा है फिर भी सुविधा के लिए इसके विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों में उपयोग का विस्तार से अध्ययन कर लेना अच्छा रहेगा।

(i) गणना एवं सूचना-संग्रह ( बैंकिंग आदि) – अब तक बैंकों में खातों का हिसाब रखने का काम लिपिकों द्वारा खाता-पृष्ठों पर किया जाता था परन्तु अब इन्हें कम्प्यूटरों में भरकर सुगमता से सुरक्षित रखा जा सकता है और उनमें गणनाएँ भी तीव्रता से की जा सकती हैं। कम्प्यूटर (यन्त्र) की इस क्षमता का उपयोग कर बड़ी-बड़ी परीक्षा संस्थाओं के (जैसे—यू०पी० बोर्ड एवं विश्वविद्यालय आदि) परीक्षाफल थोड़े ही समय में तैयार कर लिए जाते हैं।

(ii) सूचना तकनीक के क्षेत्र में— अब कम्प्यूटर(यन्त्र) द्वारा देश-विदेश की सूचनाओं को तीव्र गति से प्रेषित एवं संकलित किया जा सकता है। अन्तरिक्षयानों एवं उपग्रहों में स्थापित विभिन्न अनुसंधान संयंत्रों द्वारा प्रेषित बड़ी-बड़ी सूचनाएँ एवं गणनाएँ अब क्षणों में एक स्थान से दूसरे स्थान को प्रेषित की जा रही हैं। रेलवे आरक्षण, भी वायुयान आरक्षण इसी कारण सम्भव हो सके हैं।

(iii) मुद्रण एवं प्रकाशन – कम्प्यूटर द्वारा संचालित फोटो कम्पोजिंग मशीन ने पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तक प्रकाशन के कार्य को भी तीव्र गति एवं सुविधा प्रदान की है। पहले छापेखानों में एक-एक अक्षर का टाइप एकत्र कर जो कम्पोजिंग का कार्य किया जाता था, अब उसकी आवश्यकता नहीं रही है। अब तो चुम्बकीय डिस्क में सामग्री भरकर उसका क्षणों में कम्पोजिंग और मुद्रण हो जाता है।

(iv) कला, संगीत एवं डिजाइनिंग के क्षेत्र में – कम्प्यूटर (यन्त्र) अब गणना और स्मृति के लिए ही नहीं बल्कि कलासंगीत और डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी मनुष्य को सहयोग दे रहा है। कलाकार कम्प्यूटर की सहायता से अपने चित्रडिजाइन और स्वरों तक का उचित समायोजन कर सकते हैं।

(v) वैज्ञानिक अनुसंधान एवं खोज – कम्प्यूटरों की सहायता से अब प्रयोगशालाओं और वैद्यशालाओं में वैज्ञानिक अनुसंधान किए जा रहे हैं। उत्पादन सम्बन्धी विभिन्न उद्योग-धन्धों में भी इसके उपयोग से हम लाभान्वित हो रहे हैं।

(vi) औद्योगिक क्षेत्र में- अब तो बड़े-बड़े कारखानों में मशीनों के संचालन का कार्य भी कम्प्यूटर ही संभाल रहे हैं। कम्प्यूटरों (यन्त्र) से जुड़कर रोबोट ऐसी मशीनों को नियन्त्रित कर रहे हैं, जिनका संचालन कर पाना मानव के लिए अत्यधिक कठिन है। इस प्रकार, जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसमें कम्प्यूटर का प्रयोग न हो रहा हो।

4. उपसंहार – प्रत्येक वैज्ञानिक अनुसंधान की भाँति कम्प्यूटर का अनुचित प्रयोग हमारे लिए खतरनाक हो सकता है। गणना अथवा उपयोग की जरा-सी ही त्रुटि सम्पूर्ण मानवता का विनाश कर सकती है। भारत जैसे जनबहुल देश में तो इससे बेरोजगारी बढ़ने का भी खतरा हो सकता है। अनेक दोष होते हुए भी सार्वजनिक क्षेत्रों में इसके महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता।

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