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मुहावरा (Idiom) – (अर्थ एवं वाक्य प्रयोग) _

मुहावरा

विषय सूची

‘ अक्षर से मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग —


  • अक्ल पर पत्थर पड़ना – ( बुद्धि भ्रष्ट होना ) — सूरज की अक्ल पर पत्थर पड़ गए थे , जो उसने बैंक की नौकरी छोड़ दिया।

  • अक्ल के अंधे (मूर्ख या बुद्धिहीन ) — रोहित अकल का अंधा था जो इतनी अच्छी नौकरी छोड़ दिया।

  • अक्ल के पीछे लठ्ठ लिए फिरना – (मूर्खतापूर्ण कार्य करना ) — दो लोगों के झगड़ों के बीच में आकर मार खाना मतलब अक्ल के पीछे लट लिए घूमना।

  • अक्ल चरने जाना (बिना बुद्धि के काम लेना ) — प्रधानाचार्य जी से बहस करते समय उसकी अक्ल चरने चली गई थी ।

  • अगर-मगर करना ( तर्क करना या टालमटोल करना ) — श्याम किसी की बात को बिना अगर-मगर किए नहीं मानता ।

  • अपना उल्लू सीधा करना (स्वार्थ सिद्ध करना ) — आजकल के नेता लोग वोट के लिए जनता को खुश करके अपना उल्लू सीधा करते हैं ।

  • अपना-सा मुंह लेकर रह जाना (लज्जित होना ) — महेश की झूठी बात की वास्तविकता कल जब सभी गांव वालों को पता चला तो महेश अपना-सा मुंह लेकर रह गया ।

  • अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मरना ( अपनी हानि स्वयं करना ) —    पढ़ाई का समय व्यर्थ में गवाना अपने पैरों पर अपने आप कुल्हाड़ी मारना है ।

  • अपने पैरों पर खड़ा होना (स्वावलंबी होना या सफलता प्राप्त करना ) — विकास चाहता है कि जब तक वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं होगा तब तक शादी नहीं करेगा ।

  • अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना ( अपनी प्रशंसा स्वयं करना ) —- आजकल नेता लोग अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने में गर्व महसूस करते हैं ।

  • अन्न जल उठना ( एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाना ) — रिटायर होने के बाद राजेश अपने पूरे परिवार के साथ अपने गांव चला आया ।

  • अपनी खिचड़ी अलग पकाना ( अलग रहना या किसी की बात ना मानना ) — पंकज ऑफिस की मीटिंग में अपनी बात के आगे किसी की बात नहीं माना ।

  • अक्ल के घोड़े दौड़ाना ( केवल कल्पनाएं करना ) — सफलता मेहनत करने से मिलती है , ना कि अक्ल के घोड़े दौड़ाने से ।

  • अंधेरे का उजाला ( इकलौता पुत्र ) — मंजीत अपने घर का इकलौता पुत्र है।

  • अगिया बैताल ( हानि पहुचाने वाला व्यक्ति ) — दानवो ने अगिया बैताल का कार्य करके भगवान को अवतार लेने के लिए मजबूर कर दिए और भगवान ने अवतार लेकर उनका सर्वनाश कर दिया ।

‘ आ ‘ अक्षर से मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग —


  • आग में घी डालना ( क्रोध को बढ़ाना ) — आज सुबह राम और श्याम से बहस होते समय राजू ने अपनी बात से आग में घी डाल दिया ।

  • आंखे भर आना ( आंख में आंसू आना ) — अपने बचपन में अपने घर की स्थिति याद कर के विजय की आंखें भर आई ।

  • आंख दिखाना ( धमकाना या डराना ) — मैं अपने दिए हुए ₹5000 उससे मांगता हूं तो वह मुझे आंखें दिखाता है ।

  • आंखों पर पर्दा पड़ना ( वास्तविकता या सत्य से अनजान रहना ) — अमेरिका की आंखों पर ऐसा पर्दा पड़ गया है कि वह चीन को अपना मित्र समझ रहा है ।

  • आंखें खुलना ( सच्चाई जानना ) — राम ने अपनी मां को अपने भाई की बुरी आदतों को बता कर अपनी मां की आंखें खोल दी ।

  • आंखें फेरना ( मुंह मोड़ना ) — नीरज ने अपने मित्र को मुसीबत में देखकर आंखें फेर ली ।

  • आंखों में धूल झोंकना (धोखा देना ) — आजकल के व्यापारी मिलावट करके ग्राहक की आंखों में धूल झोंक रहे हैं ।

  • आंखों का तारा ( अत्यधिक प्रिय होना ) — राम अपने पिता दशरथ की आंखों का तारा थे ।

  • आंखें चार होना ( नजर मिलना या प्यार होना ) — बात करते ही करते रॉनी और रीतिका की आंखें चार हो गई ।

  • आंखें बिछाना ( उत्सुक होकर इंतजार करना ) — मित्र के आने की प्रतीक्षा में श्याम अपनी आंखें बिछाए हुए अपने द्वार पर खड़ा है ।

  • आंखें नीची होना ( शर्मिंदा होना ) — दिनेश दुकान के घोटाले में अपने मालिक द्वारा पकड़े जाने पर उसकी आंखें नीची हो गई ।

  • आंचल में बांधना ( किसी की कही हुई बात को याद रखना या किसी वस्तु को हमेशा अपने पास रखना ) — एक अच्छी धर्म पत्नी अपने पति के द्वारा कही गई बात को हमेशा अपने आंचल में बांध कर रखती है ।

  • आपे से बाहर होना ( अधिक क्रोध के कारण नियंत्रण खो देना ) रमेश छोटी-छोटी बातों का आपे से बाहर हो जाता है।

  • आकाश से बातें करना ( बहुत ऊंचा होना ) — दुबई में कई इमारतें और बुर्ज खलीफा आकाश से बातें करते हुए प्रतीत होते हैं ।

  • आग बबूला होना ( अत्यधिक क्रोधित होना ) — विकास पर उसके अधिकारियों द्वारा झूठा दोष लगाने पर विकास अपने अधिकारियों पर आग बबूला हो गया ।

  • आस्तीन का सांप ( विश्वासघाती मित्र ) — राम ने अपने मित्र को बताया की सूरज से सावधान रहो वह आस्तीन का सांप है ।

  • आसमान पर थूकना ( महान व्यक्ति पर झूठा आरोप लगाना ) — देश के प्रधानमंत्री के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप आसमान पर थूकने के समान है ।

  • आसमान से तारे तोड़ना ( असंभव कार्य ) — तुम करोड़पति बनने के सपने देख रहे हो तुम्हारे जैसे कायर के लिए लाख रुपए भी कमाना आसमान के तारे तोड़ने से कम नहीं है ।

  • आसमान सिर पर उठाना ( क्रोधित होकर अत्यधिक शोर करना ) — मोहन घर में हुई जरा सी बात पर आसमान सर पर उठा लिया ।

  • आठ आठ आंसू रोना ( अत्यधिक आंसू बहाना ) — अपने पिता के स्वर्गवास के बाद मोहन और उसके परिवार के सभी सदस्य आठ आठ आंसू रोए ।

  • आधा तीतर आधा बटेर ( ना इधर का ना उधर का ) — अध्यापक ने छात्रों से कहा या तो अंग्रेजी में बात किया करो या तो हिंदी में बात किया करो बातचीत के दौरान आधा तीतर आधा बटेर उचित नहीं है ।

  • आसमान टूट पड़ना ( संकट पड़ना ) — यदि सरकारी गोदामों में रखा गया अतिरिक्त अनाज गरीबों को मुफ्त में दे दिया जाएगा तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा ।

  • आप काज महाकाज ( अपना कार्य सबसे महत्वपूर्ण ) — अविनाश के लिए दूसरे के बहुत महत्वपूर्ण कार्य का भी कोई महत्व नहीं होता उसका तो यही मानना है कि आप काज महाकाज ।

  • आकाश पाताल एक कर देना ( अत्यधिक प्रयत्न करना ) इस वर्ष के आईएएस की परीक्षा की तैयारी के लिए सौरभ ने आकाश पाताल एक कर दिया ।

  • आकाश पाताल का अंतर होना ( अत्यधिक अंतर होना ) — कहां राजा भोज कहां गंगू तेली दोनों में आकाश पाताल का अंतर है ।

  • आसन डोलना ( विचलित होना ) — आजकल पैसो के आगे ईमान का आसन डोल जाता है ।

  • आकाश छूना ( बहुत तरक्की करना ) — आजकल के समय में जो कठिन परिश्रम करेगा वही आकाश को छू पायेगा

  • आंच आना ( कष्ट होना ) — जब प्रहलाद के साथ भगवान थे तो उनको कैसे आंच आ सकती थी ।

  • आंचल पसारना ( विनती करना ) — हम सबको सदा खुशहाल रहने के लिए भगवान के सामने आंचल पसारना चाहिए ।

  • आंते बुलबुलाना ( भूख लगना ) — रोड के बगल लेटे हुए गरीब ने कल से कुछ खाया नही है इसीलिए उसकी आंते बुलबुला रही हैं ।

  • आंतो में बल पड़ना ( पेट मे दर्द होना ) — कल दावत में खाना ज्यादा खाने की वजह से मेरी आंतो में बल पड़ गया है ।

  • आकाश के तारे तोड़ना ( असंभव कार्य करना ) — शुभम ने IAS में प्रथम स्थान लाकर आकाश के तारे तोड़ लाया है ।

  • आंसू पीकर रहना ( दुःख में कुछ न कहना ) — कुनाल को फीस की वजह से कॉलेज से निकाल देने पर वह आंसू पीकर रह गया ।

  • आंधी के आम होना ( भाव काम या सस्ता होना ) — किसान की उगाई सब्जी आंधी के आम जैसे होती है ।

  • आग उगलना ( कड़वी बाते कहना ) — मेरा दोस्त हमेशा आग उगलता रहता है ।

  • आग पर लोटना ( ईर्ष्या से जलना ) — श्याम की नौकरी लगने के बाद उसके शत्रु आग पर लोटने लगे ।

  • आग लगने पर कुआं खोदना ( संकट निकट आने पर प्रयत्न करना ) — मेरे घर के बच्चे पूरे साल घूमने के बाद परीक्षा से दो दिन पहले पढ़ रहे हैं ।

  • आग लगा कर तमाशा देखना ( दूसरो के बीच झगड़ा लगा के मजे लेना ) — आजकल समाज के लोग यही कर रहे है आग लगा कर तमाशा देख रहे है ।

  • आटे–दाल का भाव मालूम होना ( परिस्थितियों का अनुभव या दुनियादारी का ज्ञान होना ) — आजकल के नवयुवक को आटे दाल का भाव मालूम नहीं है जबकि बुजुर्गों को आटे दाल का भाव अच्छी तरह से मालूम होता है ।

  • आटे के साथ घुन पिसना ( दोषी के साथ निर्दोष को भी सजा मिलना ) — हमें हमेशा साथ अच्छे लोगों रहना चाहिए क्योंकि बुरे लोगों का साथ रहने से उनके साथ साथ हम भी सजा पाएंगे ।

  • आगे पीछे ना सोचना ( किसी भी कार्य को करते समय लाभ व हानि का ध्यान न देना ) — उसने अपनी दुकान खोलते समय आगे पीछे का नही सोचा ।

  • आज कल करना ( लापरवाही बरतना या टाल मटोल करना ) — आजकल सरकारी कार्यालय के कर्मचारी किसी भी कार्य के लिए आज कल करते है ।

  • आसमान पर उड़ना (थोड़ा सा अमीर होकर इतराना ) — राजू की लॉटरी लगने के बाद ,वह आसमान पर उड़ने लगा ।

  • आसमान पर मिजाज होना ( अभिमान होना ) — विनय की नौकरी लगने के बाद उसके पिता का मिजाज आसमान पर हो गया ।

  • आसमान दिखाना (पराजित करना ) — हमारे देश के जवानों ने हमेशा अपने शत्रु देश को आसमान दिखाया है ।

  • आसमान से गिरा खजूर पे अटका ( एक मुसीबत से निकलते ही दूसरी मुसीबत आना ) — चोर गांव वालों से बचकर भगा तभी पुलिस वाले उसे पकड़ लिए ,चोर के लिए मानो वह आसमान से गिरा खजूर पर अटका ।

  • आस्तीन चढ़ाना ( युद्ध या लड़ाई के लिए तैयार होना ) — हमारे देश के सैनिक बार्डर पर घुसपैठियों को देखकर आस्तीन चढा लिए ।

  • अंग अंग ढीला होना ( बहुत थक जाना ) — पूरे खेत की अकेले गुड़ाई करने के बाद आदर्श का अंग अंग ढीला हो गया ।

  • आफत मोल लेना ( व्यर्थ का झगड़ा लेना ) — मेरे मना करने के बाद भी रवि ने सरकारी कर्मचारी के ऊपर हाथ उठा कर आफत मोल लिया ।

  • आग देना ( दाह संस्कार करना ) — पुराणों के अनुसार पिता को आग बड़ा पुत्र ही देता है ।

  • आफत का मारा ( दुःखी व्यक्ति ) — आफत का मारा अजय अपनी पढ़ाई के लिए बच्चों को पढ़ाने लगा ।

  • आहुति देना ( बलिदान देना ) — हमारे देश के सैनिक बिना चिंता किये हुए अपने देश के लिए प्राणों की आहुति दे देते है ।

  • आग का पुतला ( क्रोधी व्यक्ति ) — भगवान परशुराम आग का पुतला थे ।

  • आग लगाकर पानी को दौड़ना ( पहले झगड़ा लगवाना फिर शांत कराने का प्रयास करना ) — राजू ने पहले उन दोनों घरो में आग लगाकर पानी के लिए दौड़ा ।

  • आग बोना ( चुगलखोरी करना ) — हे भगवान ये औरतो की आग बोने की आदत कभी नही जाएगी।

  • आग पानी का बैर ( पक्की शत्रुता ) — रोहित और अजय में आग पानी का बैर है ।

  • आग पर पानी डालना ( क्रोध को शांत करना ) — जब दो घनिष्ठ मित्रों के बीच बहस होने लगी तब अध्यापक ने आग पर पानी डालकर अच्छा काम किया ।

  • आग पर आग डालना ( जले को जलाना ) — दुर्योधन पांडवों से ईर्ष्या करता था इसी बात का फायदा उठाकर मामा शकुनि ने आग पर आग डालने का कार्य किया ।

  • आग में कूद पड़ना ( खतरा या मुसीबत मोल लेना ) — मेरे दोस्त महान है वह हमेशा दोस्ती के लिए आग में कूदने को तैयार रहते हैं ।

  • आग से पानी होना ( क्रोध के बाद शांत हो जाना ) — मोहन अपने पिता को आते देख कर आग से पानी हो गया ।

  • आन रखना ( मान सम्मान रखना ) — हमें अपने से बड़ों का हमेशा आन रखना चाहिए ।

  • आड़े आना (नुकसानदेह होना ) — उसका अड़े आना खतरे के समान है ।

  • आंखों का तेल निकालना (बारीक या महीन कार्य करना ) — दर्जी लोगों का दिन भर आंखों से तेल निकालने वाला कार्य करते है ।

  • आंख कान खुले रहना (बहुत सतर्क रहना ) — सड़क पार करते समय आंख कान खुले रखना चाहिए क्योंकि जरा सा भी लापरवाही हुई तो दुर्घटना घट सकती है ।

  • आंख का पानी गिरना या मर जाना (निर्लज्ज होना ) — अनमोल की आंखो का पानी मर गया जब वह अपने पिता द्वारा जुआ खेलते हुए पकड़ा गया ।

  • आंखों की पट्टी खोलना (भ्रम दूर होना ) — रवि को शराब पीते हुए देखकर उसके माता-पिता की आंखों की पट्टी खुल गई ।

  • आंखे फाड़ कर देखना ( आश्चर्य से देखना ) राजू को कक्षा मे प्रथम आने पर कक्षा के सभी छात्र उसे आंखे फाड़ कर देख रहे थे , क्योकि वह पढ़ाई मे बहुत पीछे था |

  • आंखे बंद होना ( मर जाना ) — रंगोपाल जी की गंभीर रूप से बीमार होने क्के कारण कुछ दिन मे ही उनकी आंखे बंद हो गयी |

  • आंखे मूदकर रखना (बिना सोचे समझे कार्य करना ) — हमे कोई भी महतव्पूर्ण कार्य आँख मूदकर नही करना चाहिए |

  • आंखो मे चुभना ( बुरा लगना ) — लाल रंग मेरी आंखो मे बहुत चुभता है |

  • आंखे चुराना ( नज़र के सामने न पड़ना ) — मैंने राज को 1500 रु उधार दिये तो अब वह मुझसे नजरे या आंखे चुराता है |

  • आंखो मे खून उतरना (अत्यधिक क्रोध करना ) — अनमोल को जुआ खेलते देखकर उसके पिता की आंखो मे खून उतार आया |

  • आंखे फेर लेना ( बदल जाना ) — चुनाव समाप्त होने के बाद नेता लोग जनता से अपनी आंखे फेर लेती है |

  • आँख मारना ( इशारा करना ) — अजय ने आँख मारकर मुझे राजू को पैसे देने से मना कर दिया |

  • आंखो मे धूल झोंकना (धोखा देना ) — रवी पुलिस की आंखो मे धूल मे झोक कर जेल से भाग गया |

  • आंखो का काटा होना (शत्रु या दुश्मन होना ) — शुभम आजकल अनिकेत की आंखो का काटा हो गया है |

  • आंखो मे समाना (हमेशा दिल दिमाग मे रहना ) — भगवान श्री कृष्ण मीरा जी की आंखो मे समाये हुये थे |

  • आंखो मे पानी होना (शर्म लिहाज होना ) — अगर जय की आंखो मे पानी होता तो वह अपने माता पिता का अपमान नही करता |

  • आंखो से चिंगारिया निकलना ( क्रोध से आंखे लाल होना ) — अपने बेटे के मुह से गालिया सुनकर सोहन की आंखो से चिंगारियाँ निकलने लगी |

  • आंखो मे सारसो फूलना (खुशी या उल्लास से मन भरना ) — टूर्नामेंट का फ़ाइनल मैच जीतने के बाद महेश का मन खुशी से भर गया |

  • आंखो पर बिठाना (आदर -सत्कार करना ) — भरत अपने बड़े भाई भगवान श्री राम को अपनी आंखो मे बिठाये रहते थे |

  • आंखे आना (आंखे लाल होना या सूज आना ) — मेरी दादी माँ की आंखे आ गयी थी इसीलिए वो काला चश्मा लगाई रहती है |

  • आंखे पथरा जाना (राह देखते -देखते थक जाना ) — भगवान श्रीकृष्ण के वापस आने की प्रतीक्षा मे गोपियो की आंखे पथरा गयी |

  • आंखो मे घर करना (मन मे जगह बना लेना ) — मोहन स्कूल के सभी अध्यापक की आंखो मे घर कर लिया है क्योकि वह कक्षा का तेज छात्र है |

  • आंखो मे चर्बी छाना (घमंड मे चूर होना ) — थोड़े से पैसे पाकर ओमप्रकाश की आंखो मे चर्बी छा गयी |

  • आँख लगना (नीद लगना ) — रात मे गेटमैन की आँख लगने के कारण से चोर कालेज के अंदर घुस गए |

  • आंखो की किरकिरी होना (शत्रु होना ) — राजेंद्र पूरे गाँव वालो के आंखो की किरकिरी हो गया है |

  • आंखो मे खटकना (बुरा लगना या चुभना ) — सोहन अपने पड़ोसियो की आँख मे हमेशा खटकता रहा |

  • आंखो मे रात काटना (चिंता कष्ट के कारण नीद न आना ) — लेखपाल की परीक्षा मे पास न होने कारण विनोद की आंखो मे रात कट गयी |

  • आंखे ठंडी होना (शांति मिलना ) — अपने खेतो की फसल सुरक्षित देखकर किसान की आँख ठंडी हो गयी |

  • आँख का अंधा ,गांठ का पूरा (मूर्ख धनवान ) — रामकुमार आँख का अंधा और गांठ का पूरा है |

  • आंखे सेकना (सुंदर वस्तु को देखना ) — मीरा मंदिर मे भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा मे आँखा सेकती रहती थी |

  • आंखो की पुतली होना (बहुत प्यारा होना ) — छोटे बच्चे सबकी आंखो की पुतली होते है |

  • आँसू पोछना (धीरज बांधना ) — दोस्त ऐसे बनाओ जो मुसीबत आने पर आंसू पोछे |

  • आँसू बहाना (खूब रोना ) — अभिषेक बिना मतलब सुबह से आँसू बहा रहा है |

‘ इ ‘अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग —


  • इज्जत मिट्टी मे मिलना (सम्मान नष्ट करना ) — निखिल की जुआ खेलने की आदत उसके परिवार की इज्जत मिट्टी मिला दिया |

  • इधर की उधर लगाना (चुगली करना ) — इधर की उदार लगाकर अनिल ने दो लोगो के गनिष्ठ संबंध मे दरार पैदा कर दिया |

  • इंद्र की परी /इंद्रासन की परी (अति सुंदर स्त्री ) — हरनात संधु इंद्र की परी है ,इसीलिए वह मिस यूनिवर्स 2021 का खिताब जीता |

  • इन्द्र का आखाड़ा (सजी हुयी सभा मे खूब नाच रंग होना ) — पुराने जमाने मे राजा महरजाओ के महल मे इन्द्र का आखाड़ा सजता था |

  • इज्जत उतारना (अपमानित करना ) — जब सुमित ने आशीष से लिए पैसे वापस नही किए तब आशीष ने सबके सामने सुमित की इज्जत उतार दी |

  • इज्जत मिट्टी मे मिलाना (सम्मान या प्रतिष्ठा नष्ट करना ) — विजय चोरी कर के अपने घर परिवार की इज्जत मिट्टी मे मिला दिया |

  • इधर उधर की हांकना (बेकार की बाते करना ) — शीलू हमेशा इधर उधर की हाँकती रहती है ,कोई कार्य नही करती है |

  • इस कान सुनना ,उस कान निकालना (ध्यान न देना ) — समझदार लोग राजनीति की बातो पर ध्यान नही देते ,इस कान से सुनकर उस कान से निकाल देते है |

  • इस हाथ देना ,उस हाथ लेना (तुरंत फल मिलना ) — आजकल व्यापार मे उधार ठीक नही होता है ,इस हाथ देना ,उस हाथ लेना यही बेहतर है |

  • इशारे पर नाचना (वश मे होना या दूसरों के संकेत मे चलना ) — पूरी दुनिया भगवान के इशारे पर नाच रही है |

  • इंतकाल होना (मर जाना ) — पिता के इंतकाल के बाद सारी जिम्मेदारी अब रहीम के ऊपर थी |

‘ई ‘ अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग —


  • ईद का चाँद होना (बहुत दिनों बाद दिखाई देना ) — भाई अजय जब से तुम इंजीनियर बने हो ,ईद का चाँद हो गए हो |

  • ईंट से ईंट बजाना (समूल विनाश करना ) — यदि कोई शत्रु देश भारत पर आक्रमण करने का दुःसाहस करेगा तो भारतीय सैनिक उसकी ईंट से ईंट बजा देंगे |

  • ईंट का जवाब पत्थर से देना (दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार या बदला लेना ) — भारत एक शांतिप्रिय देश है,परंतु कोई शत्रु देश ने उसके साथ अनुचित कार्य किया ,तो ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा |

  • ईमान बेचना (बेईमानी करना ) — हमे पैसो के लिए अपना ईमान कभी भी नही बेचना चाहिए |

‘उ ‘अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग —


  • उड़ती चिड़िया पहचानना या पंख गिनना (दूर से ही वास्तविकता को समझना या मन की जानना ) — चोर दरोगा को अपने चोर न होने की दुहाई दे रहा था,दरोगा ने उससे कहा कि मै अनाड़ी नही हु ,मै उड़ती चिड़िया को पहचानता हु |

  • उल्टी गंगा बहना (नियम के विरुध्द कार्य करना ) — अब सर्दियों मे तुम गन्ने का रस बेचने की सोच रहे हो ,भाई उल्टी गंगा बहाने से क्या होगा |

  • उल्लू सीधा करना (स्वार्थ सिद्ध करना ) — राम ने श्याम से अपने सारे कठिन कार्य कार्वा कर अपना उल्लू सीधा कर लिया |

  • उल्लू बनाना (बेवकूफ बनाना ) — साहिल अपनी बहन पूजा को उल्लू बनाकर उससे पैसे ले लिया |

  • उल्लू का पट्ठा (मूर्ख व्यक्ति ) — उस उल्लू के पट्ठे के साथ दोस्ती करोगे तो तुम भी मूर्ख ही कहलाओगे|

  • उल्लू बोलना (वीरान स्थान होना ) — मेरे दोस्त अनुराग के घर जाते हुये रास्ते मे उल्लू बोलते है |

  • उल्टी माला फेरना (बुराई या अनिष्ट चाहना ) — जब राहुल ने अपने मित्र को डाटा तो ,वह उल्टी माला फेरने लगा |

  • उल्टी-सीधी जड़ना (झूठी शिकायत करना ) — सोनू के पड़ोसी उसकी माँ से हमेशा सोनू के बारे मे उल्टी सीधी जड़ते रहते है |

  • उल्टी -सीधी सुनाना (डांटना या फटकारना ) — पड़ोसियो की शिकायत की वजह से सोनू की माँ उसे उल्टा सीधा सुनाने लगी |

  • उल्टे पाँव लौटना (तुरंत लौट जाना ) — मै अपने दोस्त के घर गया तो उसके घर मे ताला लगा देखकर मै वहा से उल्टे पाँव लौट आया |

  • उल्टे मुह गिरना (दूसरे को नीचा दिखने के प्रयास मे खुद नीचा हो जाना ) — दूसरों को धोखा नही देना चाहिए नही किसी दिन आप भी उल्टे मुह गिरोगे |

  • उल्टे छूरे से मूडना (ठगना ) — आजकल शहरो मे रिक्शा वाले ग्रामीणो को उल्टे छूरे से मूड़ देते है |

  • उड़ जाना (खर्च हो जाना ) — मेरे लॉटरी के सारे पैसे दोस्तो की पार्टी मे उड़ गए |

  • उड़न छू हो जाना (गायब हो जाना ) — पुलिस के आने से पहले चोर वहाँ से उड़न छू हो गए |

  • उड़ती खबर (अफवाह ) — हमे उड़ती खबर पर विश्वास नही करना चाहिए |

  • उधेड़बून मे पड़ना या रहना (चिंता या फिक्र करना ) — राहुल की माँ हमेशा राहुल के उधेड़बून मे पड़ी रहती है,क्योकि वह देश का सैनिक है |

  • उबल पड़ना (अचानक क्रोधित हो जाना ) — रवि के पिता न जाने कब उबल पड़ते है इसीलिए वह उनसे डरता है |

  • उगल देना (भेद बता देना ) — पुलिस की लाठी की मार से चोर ने सब कुछ उगल दिया |

  • उठ जाना (मर जाना ) — महान व्यक्ति के उठने के बाद उनकी याद मे उनकी प्रतिमा बनाई जाती है |

  • उँगलियों पर नचाना (वश मे करना ) — सज्जन पुरुषो को उनकी स्त्रियाँ हमेशा अपनी उँगलियों पर नचाया करती है |

  • उंगली उठाना (बदनाम करना या दोषारोपण करना ) — बिना वजह हमे किसी पर उंगली नही उठाना चाहिए |

  • उन्नीस-बीस का अंतर होना (थोड़ा सा अंतर ) — सोहन और मोहन दोनों भाइयो की शक्ल मे उन्नीस-बीस का अंतर है |

‘ऊ’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग —


  • ऊँट के मुह मे जीरा (अधिक जरूरत की वस्तु अल्प मात्रा मे प्रपट होना ) — गुजरात की प्राकृतिक आपदा से पीड़ित जनता के लिए दो चार लाख रु की आर्थिक मदद तो ऊँट के मुह मे जीरे के समान है |

  • ऊँट के गले मे बिल्ली बांधना (बिना मेल का कार्य करना ) — किसी कम उम्र की लड़की की शादी बड़ी उम्र के व्यक्ति के साथ करना , ऊँट के गले मे बिल्ली बांधने के समान है |

  • ऊंच-नीच समझना (भले बुरे का ज्ञान होना ) — बुजुर्गो को ऊंच-नीच की समझ थी , लेकिन आज के जवानो को नही है |

  • ऊंच-नीच समझाना (भले बुरे के बारे मे बताना ) — माँ अपने बच्चो को कही बाहर जाने से पहले ऊंच -नीच समझा कर जाने देती है |

  • ऊंचा सुनना (कम सुनना या कुछ बहरा हो जाना ) — मेरे दोस्त के पिता जी थोड़ा ऊंचा सुनते है , इसीलिए थोड़ा तेज बोलो |

  • ऊल जलूल बकना (बिना मतलब का बोलना या अंट बंट बोलना ) — अभिषेक तो हमेशा ऊल जलूल बोलता रहता है,उसकी बात पे कोई ध्यान नही देता है |

  • ऊसर मे बीज बोना या डालना (व्यर्थ का कार्य करना ) मेरे दोस्त ने कहा यहा जमीन खरीदना तो ऊसर मे बीज बोने के समान है |

  • ऊपर की आमदनी (अनियमित स्रोत से आने वाली आय ) — सरकारी नौकरी मे तनख्वाह से ज्यादा ऊपर की आमदनी है |

  • ऊपरी मन से कहना या करना *(दिखावे के लिए करना या कहना ) — हर्ष हमेशा ऊपरी मन से काम के लिए पूछता था और मई हमेशा मना कर देता था |

‘ए’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—


  • एक आँख से सबको देखना (समान भाव रखना ) — राज्यवर्धन एक दयालु एवं प्रजापालक राजा थे | वो सभी प्रजा को एक नजर से देखते थे |

  • एक अनार सौ बीमार (एक वस्तु को प्राप्त करने के लिए बहुत लोगो का प्रयास करना ) — आजकाल सरकारी नौकरी की एक शीट पाने के लिए ना जाने कितने बच्चे एक्जाम देते है , ये तो एक अनार सौ बीमार के जैसा हो गया है |

  • एक और एक ग्यारह होना (संगठन बना कर शक्तिशाली होना ) — युद्ध के दौरान एक राजा ने दूसरे राजा से कहा शत्रु का सामना करने के लिये हमे एक और एक ग्यारह होना पड़ेगा |

  • एक और एक एक्कीस होना (उन्नति करना ) — मेरे छोटे भाई की अब तो नौकरी लग गयी अब हम दोनों भाई जल्द ही एक और एक एक्कीस हो जायेंगे |

  • एक लाठी से सबको हांकना (उचित-अनुचित का बिना विचार किये व्यवहार) — राजू भाई, कुछ तो छोटे-बड़े की उम्र का ख्याल करो, सभी को एक ही लाठी से हांकना सही नहीं है।

  • एक आँख न भाना (बिलकुल अच्छा ना लगना ) — छात्रों का कक्षा मे शोर करना अध्यापक को एक आँख नही भाता है |

  • एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना (अत्यधिक परिश्रम करना ) — आजकल नौकरी पाने के लिए बच्चो को एड़ी चोटी का ज़ोर लागना चाहिए |

  • एक तीर से दो शिकार (एक साधन से दो काम ) — होशियार लोग हमेशा एक तीर से दो शिकार करते है |

  • एक ही थाली के चट्टे-बट्टे (एक ही स्वभाव के व्यक्ति ) — सभी नेता एक ही थाली के चट्टे बट्टे होते है , बस जनता को बेवकूफ बनाते रहते है |

  • एक ही नाव मे सवार होना (एक ही जैसी परिस्थिति मे होना ) — इस तूफान मे हम सब एक ही नाव पर सवार है ,अब जो होगा देखा जाएगा |

  • एक से तीन बनाना (बहुत नफा करना ) — आजकल के डॉक्टर तो एक से तीन बना रहे |

  • एक न चलना (कोई उपाय सफल न होना ) — कानून के सामने मुजरिम की एक भी न चली |

  • एड़ियाँ घिसना या रगड़ना (बहुत परेशान होना ) — मेरा मित्रा कई महीने से शहर मे एड़ियाँ घिस रहा है , फिर भी उसे नौकरी नही मिल रही है |

‘ऐ ‘अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—


  • ऐरा-गैरा नत्थू खैरा (मामूली व्यक्ति ) — हमारे गाँव के मुखिया किसी ऐरे-गैरे नत्थू खैरे से बात नही करते है |

  • ऐरे-गैरे पंच कल्याण (मुफ्तखोर इंसान ) — अंजान जगहो पर बहुत से ऐरे-गैरे पंच कल्याण मिल जाते है |

  • ऐसी की तैसी करना / होना (अपमान करना /होना ) — रोहित ने सबके सामने राहुल की ऐसी की तैसी कर दी |

  • ऐंठना (क्रोध करना या अकड़ना ) — मकान मालिक अपने किरायेदारों पर बिना मतलब के ऐंठता रहता है |

  • ऐसा-वैसा (साधारण या तुच्छ ) — अजय कोई ऐसा वैसा नही है , वह एक सरकारी प्रवक्ता है |

‘ओ ‘अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—


  • ओखली मे सिर देना (जान-बूझ कर मुसीबत मोल लेना ) —ओखली मे सिर दे ही दिया है ,तब डरना व्यर्थ है |

  • ओर-छोर न मिलना (रहस्य का पता न चलना ) — गाँव मे हुई चोरी का कोई ओर-छोर नही मिल रहा है |

  • ओस के मोती (क्षणभंगुर ) — हमारा जीवन ओस के मोती के समान है |

‘औ ‘अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—


  • औने-पौने निकालना या बेचना (कोई वस्तु बहुत कम पैसों मे बेचना ) — दिल्ली के चोर बाजार मे अच्छी वस्तु औने-पौने पैसों मे बेची जाती है |

  • औने के पौने करना (खरीद-बेच मे पैसे बचाना या चुराना ) — रोहित औने पौने करने मे बहुत आगे है , वह अपने दोस्त को 5000रु की वस्तु के 6000रु लिया और 1000रु अपने पास रख लिया |

  • औंधी खोपड़ी (उल्टी बुद्धि ) — योगेश से बात करने का कोई मतलब नही क्योकि वह तो औंधी खोपड़ी का है |

  • औंधे मुह गिरना (बुरी तरह धोखा खाना ) — मै व्यापार मे मोहन के साथ साझा करके औंधे मुह गिर गया हूँ |

‘अं ‘अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—


  • अंक में समेटना (गोद में लेना ) — अपने बच्चे को रोता हुआ देखकर माता अपने अंक में समेट लेती है ।

  • अंकुश लगाना (रोक या पाबंदी लगाना ) — राजू का जेब खर्च बंद करके उसके घर वालों ने उसके फिजूलखर्ची पर अंकुश लगा दिया ।

  • अंधे की लाठी ( एकमात्र सहारा ) — श्रवण कुमार अपने वृद्ध माता-पिता के लिए अंधे की लाठी थे ।

  • अंत बिगाड़ना ( अंत दिनों में बुरा करना ) — राहुल रिटायरमेंट के बाद पैसों की हेराफेरी करके उसने अपना अंत बिगाड़ लिया ।

  • अंत भला तो सब भला (परिणाम अच्छा होना ) — जब किसी कार्य को करने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़े और वह कार्य अंत में पूरा हो जाए तो इसका मतलब अंत भला तो सब भला ।

  • अंग बन जाना (सदस्य बन जाना ) — आपका पालतू कुत्ता आपके घर का अंग बन गया है ।

  • अंग-अंग ढीला होना (बहुत थक जाना ) — पूरा दिन ऑफिस का काम करते करते रमेश का अंग अंग ढीला हो गया ।

  • अंगार उगलना (कठोर बात बोलना ) — वह बोल क्या रहा था मानो अंगार उगल रहा था ।

  • अंगारे बरसना (अधिक गर्मी पड़ना ) — पिछले वर्ष तो अप्रैल माह में ही अंगारे बरसने लगे थे ।

  • अंगारे सिर पर रखना (विपत्ति मोल लेना ) — वह प्रशासन के ऊपर हाथ उठाकर अपने सिर पर अंगार रख लिया ।

  • अंगूठा दिखाना (स्पष्ट मना करना ) — जब तक सुरेश ने उसका कार्य कर नहीं दिया तब तक वह उसे राशि देने का वादा करता रहा काम होते ही उसने सुरेश को अंगूठा दिखा दिया ।

  • अंगूठी का नगीना (सर्वोपयुक्त जोड़ा मिलना ) — शिवजी के लिए पार्वती और उनके लिए सीता अंगूठी के नगीने के समान ही थी ।

  • अंधे के हाथ बटेर लगना ( बिना कर्म किए फल मिलना ) — राजू बिना पढ़ाई के हाई स्कूल की परीक्षा में प्रथम आया है ।

  • अंधेरे का उजाला ( इकलौता पुत्र ) — मंजीत अपने घर का इकलौता पुत्र है।

आँचल पसारना ( नम्रता से मांगना ) — जरूरत मंद व्यक्ति हर किसी के आगे आँचल पसारता है |


‘क’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—


  • कोल्हू का बैल होना ( दिन रात काम करना ) — बहुत से लोग पैसे कमाने के लिए कोल्हू का बैल बने रहते है , और अपने स्वस्थ का भी ध्यान नही रखते है |

  • कान मे तेल डालना ( ध्यान न देना ) — कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने की मांग करने पर सरकार कान मे तेल डालकर बैठ गयी |

  • कान पर जूं न रेंगना ( अनसुनी करना ) — जनता अपनी समस्याओ के समाधान के लिए गुहार लगती है ,लेकिन अफसरो के कान पोर जूं न रेंगती |

  • कान का कच्चा ( झूठी शिकायत पर ध्यान देने वाला ) — जो अधिकारी कान का कच्चा होता है ,विश्वसनीय कर्मचारियों को उसका साथ छोड़ देना चाहिए |

  • कानों कान खबर न होना ( किसी को पता न चलना ) —- रवि ने शहर मे नया मकान खरीद लिया और किसी को कानो कान खबर नही हुई |

‘ख ‘अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. खुदकुशी करना (खुदकुशी करना):
    • अर्थ: अपने आपको मारना या आत्महत्या करने का क्रियाविधि.
    • वाक्य प्रयोग: उसके जीवन में इतनी मुश्किलें आईं कि उसने खुदकुशी करने का विचार किया.
  2. खुदपसंदी (खुदपसंदी):
    • अर्थ: खुदको बहुत ही अधिक पसंद करने की स्वार्थी आदतें या गुण.
    • वाक्य प्रयोग: वह अपनी खुदपसंदी के कारण दूसरों के साथ मिलकर काम नहीं कर सकता.
  3. खुदाई करना (खुदाई करना):
    • अर्थ: गहने, खदान, या धरती के नीचे दबी चीजों को खोदना.
    • वाक्य प्रयोग: वे खुदाई कर रहे थे ताकि वे सोने की खदान से सोना निकाल सकें.
  4. खुदपसंद गाड़ना (खुदपसंद गाड़ना):
    • अर्थ: खुदको तारीक़े से प्रशंसा करना या अपनी तारीक़े से खुद को सराहना करना.
    • वाक्य प्रयोग: उसने अपनी कार्यक्षेत्र में अपनी खुदपसंद गाड़ी की.
  5. खुदाइयाँ खोदना (खुदाइयाँ खोदना):
    • अर्थ: अनगिनत कोशिशों या खोजों के बावजूद कुछ नहीं पाने का अनुभव करना.
    • वाक्य प्रयोग: उसने बहुत सारी खुदाइयाँ खोदने के बावजूद वह खोया हुआ गहना नहीं मिला.
  6. खुदी का ताज (खुदी का ताज):
    • अर्थ: अपनी उपलब्धियों या सफलताओं पर गर्व करना या स्वागत करना.
    • वाक्य प्रयोग: उसने अपनी परीक्षा में प्रथम स्थान पर आकर खुदी का ताज मनाया.
  7. खुदसर चलना (खुदसर चलना):
    • अर्थ: खुद को स्वाधीनता से चलने की अनुमति देना या खुद की बातों पर आमल करना.
    • वाक्य प्रयोग: उसे अपने जीवन की दिशा स्वयं ही तय करने की स्वतंत्रता मिली है.
  8. खुदपर हक जताना (खुदपर हक जताना):
    • अर्थ: अपने अधिकारों को स्पष्ट करने या अपनी स्थिति को स्वागत करने का क्रियाविधि.
    • वाक्य प्रयोग: उसने कानूनी रूप से अपने खुदपर हक जताये ताकि वह न्याय मिल सके.

ये मुहावरे ‘ख’ अक्षर से शुरू होने वाले हैं और हर एक मुहावरे का विशिष्ट अर्थ होता है, जिसे वाक्य प्रयोग के साथ समझाया गया है।

‘ग’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. गली में घुसना (गली में घुसना): इस मुहावरे का अर्थ होता है कि किसी स्थान में बिना इजाजत के प्रवेश करना।
    • रात के समय वह चोर गली में घुसा और लोगों के घरों में चोरी करने लगा।
  2. गोली मारना (गोली मारना): इसका अर्थ होता है किसी को गोली से मारना।
    • पुलिस ने दरिंदों को पकड़ लिया और उन्होंने एक दरिंदे को गोली मार दी।
  3. गैलरी में जाना (गैलरी में जाना): इसका अर्थ होता है किसी की तारीफ़ करना या सराहना करना।
    • उसने अपने छात्रों की उच्चतम सराहना की जब वे परीक्षा में प्रथम आये।
  4. गले की हड्डी में अटक जाना (गले की हड्डी में अटक जाना): इसका अर्थ होता है किसी काम में फंस जाना या किसी समस्या में परेशान हो जाना।
    • वह काम में इतनी परेशानियों में फंस गया कि उसकी गले की हड्डी में अटक गई।
  5. गुजरना (गुजरना): इसका अर्थ होता है किसी स्थिति से बिना किसी असर के निकल जाना।
    • समय के साथ उसके दर्द कम हो गए और वह स्वस्थ हो गया।
  6. गोधूलि गोधूलि करके (गोधूलि गोधूलि करके): इसका अर्थ होता है सुंदरता या मनमोहकता के साथ चलना।
    • वह सुर्मा लगाकर गोधूलि गोधूलि करके सड़क पर चल रहा था।
  7. गरम खून (गरम खून): इसका अर्थ होता है जिसका रोमांच बढ़ जाता है और वह अकेला या विशेष तरीके से कुछ करने के लिए उत्सुक हो जाता है।
    • वह एक गरम खून था और अपने प्रोजेक्ट पर काम करते समय सदैव पूरी तरह से व्यस्त रहता था।
  8. गुब्बारे में बंद होना (गुब्बारे में बंद होना): इसका अर्थ होता है किसी बंदिश में फंस जाना या स्वतंत्रता से बाहर नहीं निकल पाना।
    • उसका परीक्षा के प्रश्नों में गुब्बारे में बंद हो गया और वह उन्हें सही उत्तर नहीं दे पाया।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘ग’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘घ’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. घर की मुर्गी दाल बराबर (घर की मुर्गी दाल बराबर): इस मुहावरे का अर्थ होता है कि अपनी वस्त्रहीनता या सामान्य चीजों को महत्व देना या अच्छी तरह से संभालना।
    • उसका दोस्त हमेशा अपने लकड़ी की कढ़ाई और बर्तनों की देखभाल को घर की मुर्गी दाल बराबर समझता है।
  2. घंटा घरीब (घंटा घरीब): इसका अर्थ होता है किसी काम की मूलभूत जानकारी या योग्यता के अभाव में।
    • उसको कंप्यूटर का बिलकुल भी नहीं पता, वह घंटा घरीब है जब बात कंप्यूटर की होती है।
  3. घर का भेदी लंका ढाए (घर का भेदी लंका ढाए): इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी व्यक्ति या स्थान की गुप्त या गोपनीय जानकारी को बेनकाब करना।
    • वह अपने दोस्त के सभी राज़ों को बेनकाब करने में सफल रहा।
  4. घर का भेदी कुत्ता (घर का भेदी कुत्ता): इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी के अंदर के विशेष या गुप्त ज्ञान को खुदाई करने का प्रयास करना।
    • उसने घर का भेदी कुत्ता बनकर उस विषय की खोज की जिसके बारे में किसी को पता नहीं था.
  5. घड़े की सूई में घुस जाना (घड़े की सूई में घुस जाना): इसका अर्थ होता है किसी संघटनापूर्ण स्थिति में फंस जाना या किसी कठिनाई का सामना करना।
    • उसके लिए वो परियोजना एक घड़े की सूई में घुस जाने के समान थी।
  6. घमंड पर पानी फेरना (घमंड पर पानी फेरना): इसका अर्थ होता है किसी को उसकी गरिमा या घमंड के साथ वापस अपनी स्थिति पर लाने का प्रयास करना।
    • उसने उस आत्मविश्वासी व्यक्ति को घमंड पर पानी फेरकर दिखाया कि उसका घमंड नकारात्मक है।
  7. घंटा बजाना (घंटा बजाना): इसका अर्थ होता है किसी कार्य को पूरा करने का संकेत देना।
    • वह ने घंटा बजाकर सभी को सभी को सभी को खाने के लिए बुलाया।
  8. घर की मुल्य नहीं जानना (घर की मुल्य नहीं जानना): इसका अर्थ होता है किसी की अदम्यता या मूल्य की पहचान नहीं कर पाना।
    • वह जब से बाजार में आया है, वह घर की मुल्य नहीं जानता और हर चीज़ की कीमत में बढ़ोतरी कर देता है।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘घ’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ड़’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. ड़ूबना (ड़ूबना): इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी समस्या या परेशानी में फंस जाना।
    • उसका व्यापार दिन प्रतिदिन बढ़ता था, लेकिन एक दिन वह वित्तीय समस्याओं में ड़ूब गया।
  2. ड़ींग-चिकाना (ड़ींग-चिकाना): इसका अर्थ होता है किसी चीज़ को बचाने के लिए जोखिम में जाना या अपने काम की पूर्व-सोच बिना कुछ करना।
    • वह ड़ींग-चिकाना करके गरीब बच्चों के लिए शिक्षा कार्यक्रम चलाता है।
  3. ड़िल्ली की राह में उट्ठना (ड़िल्ली की राह में उट्ठना): इसका अर्थ होता है किसी काम के लिए दिक्कतों और समस्याओं का सामना करना।
    • उसने अपने व्यापार की शुरुआत की और अब उसको ड़िल्ली की राह में उट्ठना पड़ रहा है।
  4. ड़ूब-ड़ूब कर सनाता करना (ड़ूब-ड़ूब कर सनाता करना): इसका अर्थ होता है किसी समस्या को पूरी तरह से सुलझाने का प्रयास करना।
    • सरकार ने ड़ूब-ड़ूब कर सनाता करने के लिए समुद्री बचाव कार्यक्रम शुरू किया।
  5. ड़ूबता हुआ सूअर (ड़ूबता हुआ सूअर): इसका अर्थ होता है किसी के दुर्भाग्य या अपनी अच्छी स्थिति के कारण गरीब होना।
    • उसके व्यवसाय में नुकसान के कारण वह ड़ूबता हुआ सूअर बन गया है।
  6. ड़स गया (ड़स गया): इसका अर्थ होता है किसी की खास चीज़ के लिए बड़ा लालच करना।
    • उसे अपने दोस्त की नई गाड़ी को देखकर ड़स गया और वह भी एक ऐसी ही खरीदने का सोच रहा है।
  7. ड़ूब मरना (ड़ूब मरना): इसका अर्थ होता है किसी मुश्किल परिस्थिति में नकाम हो जाना या हार मानना।
    • उसका व्यापार बड़ी हानि में ड़ूब मरा और वह अब बंद करने का विचार कर रहा है।
  8. ड़ूबते को तिनका का सहारा (ड़ूबते को तिनका का सहारा): इसका अर्थ होता है किसी संकट में किसी अप्राप्य समर्थन की कल्पना करना।
    • उसे ड़ूबते को तिनका का सहारा लेना चाहिए और समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयास करना चाहिए।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘ड़’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘च’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. चाँदी का चमचमाना (चाँदी का चमचमाना): इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी व्यक्ति या वस्त्र की बहुत अच्छी चमक या सुंदरता।
    • वह सफेद साड़ी पहनकर चाँदी का चमचमाना दिख रही थी।
  2. चोर की दाढ़ी में तिनका (चोर की दाढ़ी में तिनका): इसका अर्थ होता है किसी के साथी या सहयोगी के संग छिपकर बुराई करना।
    • उसके दोस्तों में से एकने उसके लिए जाल बिछाया और चोर की दाढ़ी में तिनका बन गया।
  3. चलती का नाम गाड़ी (चलती का नाम गाड़ी): इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी के उद्घाटन को अहमियत न देना और उसे गंदा करना।
    • वह अपने दोस्त की पार्टी में चलती का नाम गाड़ी बन गया और सबको परेशान किया।
  4. चिराग़ तले अंधेरा (चिराग़ तले अंधेरा): इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी स्थान पर कुछ भी पता नहीं होना या अनजान होना।
    • जब हम पहली बार वहाँ पहुँचे, तो वहाँ चिराग़ तले अंधेरा था और हम बिना मार्गदर्शन के खो गए।
  5. चिढ़ जाना (चिढ़ जाना): इसका अर्थ होता है किसी के कारण खफा होना या गुस्सा करना।
    • वह बच्चों की तंगी से चिढ़ जाती है और उनसे बात नहीं करती।
  6. चोटी काटना (चोटी काटना): इसका अर्थ होता है किसी की उच्चतम स्थिति को हासिल करना।
    • वह अपने पढ़ाई में बहुत मेहनत करता है और अच्छे अंक प्राप्त करके चोटी काट लेता है।
  7. चोटी से सिर जुकाना (चोटी से सिर जुकाना): इसका अर्थ होता है सम्मान या आदर दिखाना।
    • वह अपने गुरु के सामने चोटी से सिर जुकाकर आदर करता है।
  8. चुप चाप (चुप चाप): इसका अर्थ होता है चुपचाप या बिना शोर मचाए।
    • उसने अपने काम को चुप चाप पूरा किया, बिना किसी को बताये।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘च’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते

  1. छाती में गवारा आना (छाती में गवारा आना): इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी को अपने साथ सहायक या सहयोगी की आवश्यकता होना।
    • उसने अपने मित्र को अपने प्रोजेक्ट में छाती में गवारा आने के लिए बुलाया।
  2. छुआ-छुई (छुआ-छुई): इस मुहावरे का अर्थ होता है सुरक्षित और गुप्त रूप से किसी काम को करना।
    • उसने चोरी करके जब अपनी छुआ-छुई में सब कुछ छिपा लिया, तो कोई भी उसे पकड़ नहीं सका।
  3. छुना मारना (छुना मारना): इसका अर्थ होता है किसी को क्रोधित करना या समस्या बनाना।
    • उसका व्यवहार इतना कड़वा हो गया कि वह सबको छुना मार दिया।
  4. छोटी छाती वाला (छोटी छाती वाला): इसका अर्थ होता है कोई नीच या कमजोर व्यक्ति।
    • उस बच्चे को सब छोटी छाती वाला कहते हैं, क्योंकि उसकी शारीरिक शक्ति कम है।
  5. छुट्टी देना (छुट्टी देना): इसका अर्थ होता है किसी को अपनी प्राधिकृति या काम से मुक्त करना या विश्राम दिलाना।
    • बॉस ने उसे थोड़ी सी छुट्टी दी ताकि वह अपने परिवार के साथ वक्त बिता सके।
  6. छायाचित्र बनाना (छायाचित्र बनाना): इसका अर्थ होता है किसी के पीछे छिपकर किसी काम को करना या ध्यानपूर्वक नजर रखना।
    • उसने अपने प्रिय शैली की अच्छी फोटो लेने के लिए छायाचित्र बनाया।
  7. छिपना-छुपाना (छिपना-छुपाना): इसका अर्थ होता है किसी बात को गुप्त रखना या छिपाना।
    • वह अपनी गुप्त सामग्री को छिपना-छुपाना रखता है ताकि कोई न देख सके।
  8. छवि बिगाड़ना (छवि बिगाड़ना): इसका अर्थ होता है किसी की आलोचना करना या उनकी बदनामी करना।
    • उसने उस अभिनेत्री की छवि बिगाड़ दी जो कभी उसकी दुश्मन थी।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘छ’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ज’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. जल में रहकर मगर से बैर बढ़ाना (जल में रहकर मगर से बैर बढ़ाना): इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी के साथ दोस्ताना व्यवहार करने के बावजूद उसके साथ किसी अनिष्ट की योजना बनाना।
    • वह ने उसके साथ दोस्ताना व्यवहार किया, लेकिन वास्तव में जल में रहकर मगर से बैर बढ़ाया।
  2. जन हित में जारी (जन हित में जारी): इसका अर्थ होता है किसी कार्य को लोगों की हित में करना या समाज कल्याण के लिए कोई कार्रवाई करना।
    • वह सभी व्यक्तियों के लिए जन हित में जारी कार्य कर रहा है.
  3. जल भरकर खाना (जल भरकर खाना): इसका अर्थ होता है किसी को अत्यधिक किसी चीज का नुकसान पहुँचाना।
    • उसने अपनी गर्मी में अधिक बर्फ क्रीम लगा दी और जल भरकर खा ली।
  4. जलता हुआ जीवन (जलता हुआ जीवन): इसका अर्थ होता है किसी की जीवन शैली में कठिनाइयाँ या संघटनाएँ।
    • उसका जलता हुआ जीवन आपसी विवादों के बावजूद बहुत रोमांचक है।
  5. ज़बरदस्त आदमी (ज़बरदस्त आदमी): इसका अर्थ होता है किसी का बड़ा और प्रभावशाली व्यक्ति।
    • वह एक ज़बरदस्त आदमी है और उसका समाज में बड़ा सम्मान है।
  6. जब जागो तब सवेरा (जब जागो तब सवेरा): इसका अर्थ होता है किसी काम को तुरंत करने की जरुरत होने पर, उसे देर न करें।
    • तुम्हें अपने पढ़ाई का समय से शुरू करना चाहिए, क्योंकि जब जागो तब सवेरा।
  7. जले पर नमक छिड़कना (जले पर नमक छिड़कना): इसका अर्थ होता है किसी की मुश्किलतों में और अधिक कठिनाइयाँ पैदा करना।
    • उसने अपने सख्त शब्दों से उसकी परिस्थिति में और ज्यादा कठिनाइयाँ पैदा की।
  8. जान बुझकर (जान बुझकर): इसका अर्थ होता है किसी काम को समझकर या इरादे से करना।
    • वह अपने काम को जान बुझकर कर रहा है, ताकि उसे सफलता मिले।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘ज’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘झ’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. झूमती बड़त (झूमती बड़त): इस मुहावरे का अर्थ होता है आवश्यकता से अधिक बड़त या वृद्धि करना।
    • व्यापार में सफलता पाने के बाद, उसकी आमदनी में झूमती बड़त हो गई।
  2. झूला झूलना (झूला झूलना): इसका अर्थ होता है किसी काम को बिना समय बर्बाद किए धीरे-धीरे करना या आराम से काम करना।
    • वह बड़े आराम से अपने असाइनमेंट को झूला झूलता था।
  3. झूले पर सवार होना (झूले पर सवार होना): इसका अर्थ होता है किसी अस्थिर स्थिति में होना, जैसे किसी काम का निर्धारित नहीं होना।
    • उसके व्यापार में संकट आया और वह झूले पर सवार हो गया।
  4. झूले से गिरना (झूले से गिरना): इसका अर्थ होता है किसी अस्थिर स्थिति से बिना तय कारण के गिरना।
    • बच्चे झूले से गिर गए क्योंकि वे सावधान नहीं रहे।
  5. झूले पर बैठकर अफसोस करना (झूले पर बैठकर अफसोस करना): इसका अर्थ होता है बिना किसी कारण के दुखी होना या निराश होना।
    • उसने झूले पर बैठकर अफसोस किया क्योंकि उसका दोस्त उससे बात नहीं कर रहा था।
  6. झगड़े में जाना (झगड़े में जाना): इसका अर्थ होता है किसी के साथ विवाद में पड़ जाना या बढ़ जाना।
    • वह दोस्तों के साथ झगड़े में जा गिरा और उसका मुद्दा बन गया।
  7. झूला टूट जाना (झूला टूट जाना): इसका अर्थ होता है किसी काम का विफल होना या बिगड़ जाना।
    • उसकी योजना झूला टूट गई जब उसका प्रमुख समर्थन वापस ले लिया।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘झ’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ञ’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

‘ञ’ अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे हिन्दी में अधिक उपयोग में नहीं आते हैं, और मेरी ज्ञान सीमा के अनुसार, मुझे इस अक्षर से शुरू होने वाले किसी मुहावरे का ज्ञान नहीं है। ‘ञ’ अक्षर हिन्दी भाषा का बहुत ही अल्पस्वर का वर्ण है और इसका उपयोग विशेष तरीके से किसी मुहावरे में नहीं होता है।

अगर आपके पास कोई ऐसा मुहावरा है जिसमें ‘ञ’ अक्षर से शुरू होता है और आपको उसका अर्थ जानना है, तो कृपया वह मुहावरा उपलब्ध कराएं, ताकि मैं आपको उसका अर्थ और वाक्य प्रयोग बता सकूं।

‘ट’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. टेढ़ा मेढ़ा (टेढ़ा मेढ़ा): इस मुहावरे का अर्थ होता है कुछ बिगड़ जाना या अनियमित होना।
    • उसका खाने का तरीका हमेशा टेढ़ा मेढ़ा होता है, इसलिए वह घर में पकाने का काम नहीं कर सकता।
  2. टेढ़ा पानी पीना (टेढ़ा पानी पीना): इसका अर्थ होता है किसी काम को करने का विकल्प नहीं होना या संकट में होना।
    • उसके पास उस समस्या का समाधान नहीं था, उसको टेढ़ा पानी पीना पड़ा।
  3. टेढ़ा ख़याल (टेढ़ा ख़याल): इसका अर्थ होता है कुछ संदेहपूर्ण या अस्पष्ट विचार।
    • मुझे उसके टेढ़े ख़यालों का समय बर्बाद करने की कोई इच्छा नहीं है।
  4. टटोलना (टटोलना): इसका अर्थ होता है कुछ गौर से देखना या बिना यकीन के धुंधला-सा दिखना।
    • वह अँधेरे में टटोल रहा था क्योंकि वह रास्ता नहीं देख पा रहा था।
  5. टुकड़ा-टुकड़ा करना (टुकड़ा-टुकड़ा करना): इसका अर्थ होता है किसी बड़े काम को छोटे छोटे हिस्सों में बाँट देना या तोड़ देना।
    • वह बड़ा सामान लाया था, और हमने उसे टुकड़ा-टुकड़ा करके घर में ले लिया।
  6. टाँग आ जाना (टाँग आ जाना): इसका अर्थ होता है किसी को चूकर करना या फंस जाना।
    • वह जंगल में टाँग आ गया और रास्ता खो गया।
  7. टुकड़ा-टुकड़ा करना (टुकड़ा-टुकड़ा करना): इसका अर्थ होता है किसी चीज को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटना या अलग करना।
    • वह बच्चों के लिए बिस्कुट को टुकड़ा-टुकड़ा करके खिलाती थी।
  8. टूटी फूटी (टूटी फूटी): इसका अर्थ होता है कुछ बिगड़ जाना या विफलता।
    • उसकी टूटी फूटी योजना के बावजूद, वह सफलता पाने का प्रयास कर रहा है।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘ट’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ठ’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. ठगना (ठगना): इसका अर्थ होता है किसी को धोखा देना या चोरी करना।
    • वह लोगों का ठग था और उनसे पैसे लेता था लेकिन कभी काम नहीं करता था।
  2. ठण्डा पड़ जाना (ठण्डा पड़ जाना): इसका अर्थ होता है किसी के इरादे में बदलाव होना या उसकी स्थिति बिगड़ जाना।
    • उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई और उसका मुड़ना ठण्डा पड़ गया।
  3. ठुकराना (ठुकराना): इसका अर्थ होता है किसी को अस्वीकार करना या उसे नकारना।
    • उसने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अपना विचार साझा किया।
  4. ठूसना (ठूसना): इसका अर्थ होता है किसी को ताना देना या व्यक्तिगत आक्षेप करना।
    • वह अपने दोस्त को बच्चों के तरीके से ठूस रहा था क्योंकि वह जीत गया था।
  5. ठिक बोलना (ठिक बोलना): इसका अर्थ होता है सच्चाई या सही जवाब देना।
    • वह हमें हमेशा ठिक जवाब देता है जब हम उससे कुछ पूछते हैं।
  6. ठेठ बात करना (ठेठ बात करना): इसका अर्थ होता है सीधे और स्पष्ट तरीके से बात करना।
    • उसका टीम के साथ ठेठ बात करने का तरीका हमेशा प्रभावशाली होता है।
  7. ठुमका लगाना (ठुमका लगाना): इसका अर्थ होता है किसी समय में अच्छे आंदाज में नृत्य करना।
    • उसने संगीत के साथ ठुमका लगाकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
  8. ठान लेना (ठान लेना): इसका अर्थ होता है किसी काम को पूरी ईमानदारी और संकल्प से करने का निश्चय कर लेना।
    • उसने खुद को उस कार्य को पूरा करने का ठान लिया था और वह उसे सफलता से पूरा किया।
  9. ठोकर खाना (ठोकर खाना): इसका अर्थ होता है किसी अच्छे अवसर को गंवाना या कुछ समस्याओं का सामना करना।
    • उसने अपने करियर में कई ठोकरें खाईं, लेकिन फिर भी कभी हार नहीं मानी।
  10. ठीक-ठाक (ठीक-ठाक): इसका अर्थ होता है कुछ सामान्य या सामान्य रूप से ठीक होना।
    • उसका स्वास्थ्य अब ठीक-ठाक है, उसने अच्छा खाना खाया है।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘ठ’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ढ’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. ढिंढोरा पीटना (ढिंढोरा पीटना): इसका अर्थ होता है किसी को बहुत ही कड़ी से डांटना या सजाना।
    • माता-पिता ने उसे ढिंढोरा पीटकर बताया कि उसका बर्ताव गलत था।
  2. ढूँढ़ना ढूँढ़ कर देना (ढूँढ़ना ढूँढ़ कर देना): इसका अर्थ होता है किसी को बहुत ही ध्यान से ढूँढ़ना और खोजने के बाद उसे पाना।
    • जब मेरा चावल की बोरी खो गई, मेरे दोस्त ने उसे ढूँढ़ कर दिया।
  3. ढाल के बीच उठाना (ढाल के बीच उठाना): इसका अर्थ होता है किसी को सुरक्षित जगह पर ले जाना या छिपाना।
    • सेना ने ढाल के बीच उठाकर अपने लोगों को दुश्मन से बचाया।
  4. ढ़ेर लगाना (ढ़ेर लगाना): इसका अर्थ होता है किसी चीज़ को एक साथ बड़ी मात्रा में प्राप्त करना या बड़ी मात्रा में कुछ करना।
    • उसने बाजार से सस्ती चीज़ें खरीदकर अपने घर में ढ़ेर लगा दी।
  5. ढाई किलो का हाथ (ढाई किलो का हाथ): इसका अर्थ होता है किसी के पास असामान्य ताकत या बल होना।
    • उसके पास बॉक्सिंग में ढाई किलो का हाथ है, इसलिए उसका प्रतिस्पर्धी डरता है।
  6. ढोंग करना (ढोंग करना): इसका अर्थ होता है किसी को धोखा देना या बेईमानी करना।
    • वह व्यापार में ढोंग करके बहुत पैसे कमाता है, लेकिन उसका नामकरण हो जाता है।
  7. ढुलाई करना (ढुलाई करना): इसका अर्थ होता है किसी को सजाना या डांटना।
    • उसके टीम के कैप्टन ने हराने के बाद टीम को ढुलाई की।
  8. ढुलान ढाकना (ढुलान ढाकना): इसका अर्थ होता है किसी को गुप्त रूप से रखना या छिपाना।
    • वह अपने अनमोल आभूषणों को ढुलान ढाककर सुरक्षित रखती है।
  9. ढारुक ढण्डा (ढारुक ढण्डा): इसका अर्थ होता है किसी को सजाना या सज़ा देना।
    • न्यायिक प्राधिकृति ने उस अपराधी को ढारुक ढण्डा सुनाया।
  10. ढेर लगाना (ढेर लगाना): इसका अर्थ होता है बहुत सारी चीजें एक साथ करना या बहुत सारे आलोचनाओं का सामना करना।
    • वहने अपने प्रोजेक्ट के लिए काम किया और ढेर लगा दी।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘ढ’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ण’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. णक बजाना (णक बजाना): इसका अर्थ होता है किसी को डाँटना या उसे बुरी तरह से आलोचना करना।
    • उसके गुस्से के कारण, उसने अपने सहयोगी को णक बजाया।
  2. णवली मारना (णवली मारना): इसका अर्थ होता है किसी को प्रशंसा या सराहना करना।
    • उन्होंने उसके साहसिक काम की प्रशंसा करते हुए कहा, “तुमने सच में णवली मारी है।”
  3. णवला डालना (णवला डालना): इसका अर्थ होता है किसी को स्तुति या प्रशंसा करना।
    • उन्होंने उसकी कल्पना की गर्मी को णवला डालकर स्तुति की।
  4. णमुढ़ा मूढ़ा (णमुढ़ा मूढ़ा): इसका अर्थ होता है किसी को अंधविश्वासी या भोला-भाला कहना।
    • वह णमुढ़ा मूढ़ा है, वह हर बात में अंधविश्वास करता है।
  5. ण दिखाना (ण दिखाना): इसका अर्थ होता है किसी को धोखा देना या छल करना।
    • वहने उसके साथ विश्वासघात किया था और उसने ण दिखाया।
  6. णदर देना (णदर देना): इसका अर्थ होता है किसी को आलोचना या तीखी बातें कहना।
    • उसने अपने सहयोगी को उसके प्रदर्शन की णदर दी।
  7. णठ रहना (णठ रहना): इसका अर्थ होता है किसी के साथ घमंड या आत्ममुग्ध रहना।
    • वह सफलता के बाद भी धन्य होने के बावजूद णठ रहा था।
  8. णबुढ़ाना (णबुढ़ाना): इसका अर्थ होता है किसी को बुरा भला कहना या उसका मजाक उड़ाना।
    • वे दोस्तों के बीच णबुढ़ाने का काम करते हैं, लेकिन सब मित्री भावना से हैं।
  9. णमागना (णमागना): इसका अर्थ होता है किसी की प्रशंसा करना या उसे सराहना करना।
    • उन्होंने उसकी योगदान की प्रशंसा की और उसके साथ खुश हुए।
  10. ण की गोली मारना (ण की गोली मारना): इसका अर्थ होता है किसी को बहुत ज्यादा सराहना या प्रशंसा करना।
    • उन्होंने उसके प्रदर्शन की ण की गोली मार दी और उसे प्रशंसा की।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘ण’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘त’अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे व उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग—

  1. तीन तिगड़ी (तीन तिगड़ी): इसका अर्थ होता है तीन बहुत ही शक्तिशाली और साहसी व्यक्तियाँ या चीजें।
    • वह तीन तिगड़ी महिलाएँ हैं जो समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  2. ताली बजाना (ताली बजाना): इसका अर्थ होता है किसी की प्रशंसा करना या उसे सराहना करना।
    • सभी लोग ने उसके प्रदर्शन को देखकर ताली बजाई।
  3. तालाब तोड़ना (तालाब तोड़ना): इसका अर्थ होता है बड़ी संघटना करना या किसी काम को कठिनाई से करना।
    • उसने उस बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तालाब तोड़ दी।
  4. तलवार की धार (तलवार की धार): इसका अर्थ होता है बहुत ही कठिन और अत्यधिक प्रयास करना।
    • उसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए तलवार की धार डाली।
  5. तितली की तरह उड़ना (तितली की तरह उड़ना): इसका अर्थ होता है किसी का अत्यधिक आत्मसमर्पण या विचार विचार करना।
    • उसने अपने प्रेम में खो कर तितली की तरह उड़ना शुरू किया है।
  6. तुम्हारी तो तारिक (तुम्हारी तो तारिक): इसका अर्थ होता है किसी के लिए सब कुछ साहसी और सक्षम होना।
    • वह स्कूल के प्रिंसिपल के सामने तुम्हारी तो तारिक है, वह सब कुछ कर सकता है।
  7. तू-तू मैं-मैं करना (तू-तू मैं-मैं करना): इसका अर्थ होता है लड़ाई करना या अनबन करना।
    • वे दोनों तू-तू मैं-मैं कर रहे थे, लेकिन फिर भी दोस्त रहे।
  8. तलवार की दार (तलवार की दार): इसका अर्थ होता है किसी के साथ सख्त या कठिन वादा करना।
    • उन्होंने विरोधी पार्टी के नेता के साथ तलवार की दार की है और जीतने का दावा किया है।
  9. तितलियों की तरह चरना (तितलियों की तरह चरना): इसका अर्थ होता है अनियमित या बेतुका तरीके से बर्ताव करना।
    • उसका काम तितलियों की तरह चल रहा है, कभी-कभी वह अपनी ज़िम्मेदारियों को ठुकरा देता है।
  10. ताल ठोकना (ताल ठोकना): इसका अर्थ होता है किसी के साथ शानदार प्रदर्शन करना या सराहना करना।
    • उन्होंने अपने अद्वितीय गायन के साथ स्टेज पर ताल ठोका।

ये मुहावरे हिन्दी भाषा में ‘त’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘थ’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. थैला बांधना (थैला बांधना): इसका अर्थ होता है किसी को बेवकूफ बनाना या छल करना।
    • वह उसके साथ थैला बांधकर उसके पैसे ले गया।
  2. थैली बाँधना (थैली बाँधना): इसका अर्थ होता है किसी को धोखा देना या बेवकूफ बनाना।
    • वह उसके साथ थैली बाँधकर उसके पैसे ले गया।
  3. थोथा करना (थोथा करना): इसका अर्थ होता है किसी के साथ छेड़छाड़ करना या अच्छे से व्यवहार न करना।
    • वह बच्चे के साथ थोथा कर रहा था, इसलिए माता-पिता ने उसे सजाया।
  4. थैली में हथेली डालना (थैली में हथेली डालना): इसका अर्थ होता है किसी को धोखा देना या बेवकूफ बनाना।
    • उसने उसके साथ थैली में हथेली डालकर उसके पैसे ले लिए।
  5. थोथा चने चबाना (थोथा चने चबाना): इसका अर्थ होता है किसी को नकारात्मक तरीके से देखना या उसकी तारीफ करना।
    • उसने अपने साथी का काम थोथा चने चबाकर तारीफ की।
  6. थोथा में उठाना (थोथा में उठाना): इसका अर्थ होता है किसी को प्रशंसा करना या सराहना करना।
    • वह अपने छात्रों के प्रदर्शन की थोथा में उठाई और उनकी सराहना की।
  7. थोथा में आना (थोथा में आना): इसका अर्थ होता है किसी के लिए अच्छा या सुखद बनना।
    • उसने अपने नए काम में सफलता पाई और थोथा में आ गई।
  8. थापड़ मारना (थापड़ मारना): इसका अर्थ होता है किसी को ताड़ना या डांटना।
    • माता ने उसे उसकी नकल के लिए थापड़ मारा क्योंकि वह नकल कर रहा था।
  9. थैली खोलना (थैली खोलना): इसका अर्थ होता है किसी बात को प्रकट करना या खुलासा करना।
    • वह अपने दुश्मन की चालाकी का पर्दाफाश करके थैली खोल दिया।
  10. थोथा में बाँधना (थोथा में बाँधना): इसका अर्थ होता है किसी को धोखा देना या बेवकूफ बनाना।
    • वह उसके साथ थोथा में बाँधकर उसके पैसे ले गया।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘थ’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘द’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. दिल पर लेना (दिल पर लेना): इसका अर्थ होता है किसी बात को बहुत गंभीरता से लेना और चिंता करना।
    • उसने उसके कहे जाने के बावजूद वह बहुत दिल पर लिया।
  2. दिल खोलकर हँसना (दिल खोलकर हँसना): इसका अर्थ होता है बहुत ही खुलकर और खुशी के साथ हँसना।
    • जब वे अपने दोस्तों के साथ हैं, तो वह दिल खोलकर हँसते हैं।
  3. दिल में बसाना (दिल में बसाना): इसका अर्थ होता है किसी को बहुत प्यार से या भावनाओं के साथ स्वागत करना या स्वीकार करना।
    • हमने उसे अपने दिल में बसाया और उसे हमारे साथ रहने का इजाजत दी।
  4. दिल से दिल मिलाना (दिल से दिल मिलाना): इसका अर्थ होता है दिल से स्वागत करना और विश्वास दिखाना।
    • वे दोस्तों के रूप में दिल से दिल मिलाते हैं और एक-दूसरे पर पूरी तरह से भरोसा करते हैं।
  5. दिल पर हथेली रखना (दिल पर हथेली रखना): इसका अर्थ होता है किसी के प्रति स्नेह और समर्थन दिखाना।
    • वह अपने दोस्त की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है और उसके साथ दिल पर हथेली रखता है।
  6. दिल की बात (दिल की बात): इसका अर्थ होता है आत्मीय या गोपनीय विचार या भावनाओं का अभिवादन करना।
    • उसने अपने दोस्त के साथ दिल की बात कह दी और उन्होंने उसका समर्थन किया।
  7. दिल की दवा (दिल की दवा): इसका अर्थ होता है किसी को बहुत प्यार करना और उनके लिए सब कुछ करना।
    • वह अपने बच्चों को उनकी दिल की दवा मानते हैं और उनकी परवाह करते हैं।
  8. दिल से बोलना (दिल से बोलना): इसका अर्थ होता है बहुत ही सच्चाई और भावनाओं के साथ बात करना।
    • वह दिल से बोल रहा था और सबको उसकी आवाज़ सुनकर गहराई से लगा।
  9. दिल को लगाना (दिल को लगाना): इसका अर्थ होता है किसी के साथ गहरा रिश्ता बनाना और उनकी चिंता करना।
    • उसने उस गरीब बच्चे के साथ दिल को लगाया और उसकी पढ़ाई में मदद की।
  10. दिल दहलाना (दिल दहलाना): इसका अर्थ होता है किसी चौंकाने वाली या चिंता करने वाली घटना को सुनकर या देखकर बहुत चौंक जाना।
    • उसके दिल दहल गया जब वह आपके अस्पताल में पहुंचे और उन्होंने उनकी हालत देखी।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘द’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ध’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. धड़ल्ला मरना (धड़ल्ला मरना): इसका अर्थ होता है किसी को ठोकर मारकर या प्रतिक्रिया देकर विजय प्राप्त करना।
    • वह विपक्षी टीम को धड़ल्ला मारकर मैच जीत गए।
  2. धारा देना (धारा देना): इसका अर्थ होता है किसी को आरोप या दोष लगाना।
    • उन्होंने उसके खिलाफ धारा दी कि वह नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
  3. धरती पर आना (धरती पर आना): इसका अर्थ होता है किसी के साथ दुखद या कठिन समय का सामना करना।
    • उसने बड़े संघर्ष के बावजूद अपने लक्ष्य को पूरा किया और धरती पर आ गया।
  4. धूप में सीर पड़ना (धूप में सीर पड़ना): इसका अर्थ होता है बड़ी गर्मी में जलना या पीड़ित होना।
    • वे धूप में सीर पड़कर बहुत परेशान हो रहे थे।
  5. धन कामना (धन कामना): इसका अर्थ होता है पैसे कमाना या संपत्ति प्राप्त करना।
    • उसने अपने जीवन में बड़ा मुनाफा कमाया और धन कामना की।
  6. धन का बंटवारा (धन का बंटवारा): इसका अर्थ होता है संपत्ति का न्यायिक या सामाजिक रूप से बाँटना।
    • परिवार में धन का बंटवारा न्यायिक तरीके से किया गया और सबको उनके हिस्से में हिस्सा मिला।
  7. धन का भंडार (धन का भंडार): इसका अर्थ होता है पैसे का बड़ा इकट्ठा या संग्रहण करना।
    • उसने अपने जीवन में बड़े संख्या में पैसे का भंडार किया था, जो उसके भविष्य के लिए बचा था।
  8. धन की बरसात (धन की बरसात): इसका अर्थ होता है बड़ी मात्रा में पैसे का आगमन या प्राप्ति।
    • उसके बच्चों की शादी के बाद, उनके परिवार में धन की बरसात हुई।
  9. धन देना (धन देना): इसका अर्थ होता है किसी को आर्थिक सहायता करना या दान करना।
    • वे गरीबों को धन देने के लिए एक अच्छे खिलाड़ी हैं।
  10. धन की बात करना (धन की बात करना): इसका अर्थ होता है आर्थिक मुद्दों पर बातचीत करना।
    • वे धन की बात कर रहे थे और वित्तीय योजनाओं के बारे में चर्चा कर रहे थे।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘ध’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘न’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. नकली मुर्गा बनना (नकली मुर्गा बनना): इसका अर्थ होता है किसी को अपना बनाने का प्रयास करना, आदर्श या नकली व्यक्ति बनना।
    • वह अपने दोस्त को नकली मुर्गा बनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह यह समझ नहीं पाया कि वह असली रूप में कैसे बन सकता है।
  2. नाक में दम करना (नाक में दम करना): इसका अर्थ होता है घमंड करना या गर्वित दिखाना।
    • वह अपनी सफलता पर नाक में दम कर रहा था और दूसरों को दिखा रहा था कि वह कितना महान है।
  3. नाक काटना (नाक काटना): इसका अर्थ होता है किसी की तारीफ या सराहना करना।
    • उसने अपने साथी की मेहनत की तारीफ करके उसकी मोटिवेशन बढ़ाई।
  4. नक किचना (नक किचना): इसका अर्थ होता है छोटे से कार्य के लिए गर्मजोशी दिखाना या उसके बारे में बहुत से विचार करना।
    • उसने छोटे से प्रोजेक्ट के लिए नक किचकर काम किया और उसे सफलता मिली।
  5. नाक पर गुस्सा आना (नाक पर गुस्सा आना): इसका अर्थ होता है अधिक गर्मजोशी दिखाना या आक्रोशित होना।
    • उसके बच्चों के बीच की लड़ाई के बाद, उसको नाक पर गुस्सा आ गया।
  6. नक उड़ना (नक उड़ना): इसका अर्थ होता है आकर्षित होना या खुश होना।
    • वह अपने नए व्यवसाय के लिए नक उड़ रहा था, क्योंकि उसे उसका पहला प्रोजेक्ट मिल गया।
  7. नक में बसना (नक में बसना): इसका अर्थ होता है बिना विचार के कुछ करना या अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वागत करना।
    • वह गांव में नक में बसकर शांति और खुशी से जी रहा था।
  8. नक से बढ़कर नक (नक से बढ़कर नक): इसका अर्थ होता है एक से ज्यादा चीजों के बीच लड़ाई या प्रतिस्पर्धा करना।
    • वह नक से बढ़कर नक में बड़े मुकाबले में भाग लिया और विजय प्राप्त की।
  9. नक पर बर बसना (नक पर बर बसना): इसका अर्थ होता है अच्छा या सुखद जीवन जीने का सामर्थ्य दिखाना।
    • उसने अपनी मेहनत के बाद नक पर बर बसकर खुशी-खुशी जीने का मौका पाया।
  10. नक गाढ़ी में डूबना (नक गाढ़ी में डूबना): इसका अर्थ होता है गंभीर समस्या में पड़ जाना या परेशान हो जाना।
    • वह वित्तीय संकट के बाद नक गाढ़ी में डूब गए और समस्या का समाधान खोजने के लिए कठिनाइयों का सामना कर रहे थे।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘न’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं

‘प’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. पानी में दूबना (पानी में दूबना): इसका अर्थ होता है किसी समस्या में फंस जाना या परेशान हो जाना।
    • उसकी बिजनेस में नुकसान हो गया और वह पानी में दूब गया।
  2. पेट में दर्द होना (पेट में दर्द होना): इसका अर्थ होता है बहुत ज्यादा हंसना या हँसी में बेहोश हो जाना।
    • वो कॉमेडी शो देखकर सभी के पेट में दर्द हो गया।
  3. पंख फैलाना (पंख फैलाना): इसका अर्थ होता है अधिकतर जगह पहुँचकर विकसित होना या प्रसिद्ध होना।
    • वह अपने कला को पंख फैलाने में सक्षम था और अब वह दुनिया भर में मशहूर है।
  4. पत्थर की लकड़ी (पत्थर की लकड़ी): इसका अर्थ होता है कोई अधिकतर गुणवत्ता के बिना किसी वस्तु की तारीफ करना।
    • वह अपने दोस्त की कला को पत्थर की लकड़ी के रूप में प्रशंसा करता था, लेकिन वास्तव में उसका काम बेहद मामूला था।
  5. पानी फैलाना (पानी फैलाना): इसका अर्थ होता है किसी की चुप्प हो जाना या खुद को बेनकाब दिखाना।
    • उसने जब सच्चाई का पानी फैलाया, तो उसके दोस्त उसके खिलाफ उठ खड़े हो गए।
  6. पानी में रहना (पानी में रहना): इसका अर्थ होता है किसी समस्या का समाधान नहीं हो पाना या अधिक समस्याओं में फंस जाना।
    • उसका परिवार फिनैंशियल समस्याओं में पानी में रह गया है।
  7. पीठ पीछे (पीठ पीछे): इसका अर्थ होता है किसी के पीछे से किसी को छानने का प्रयास करना या खुद को बिना सीधे मुख के किसी के पास पहुँचाने की कोशिश करना।
    • वह अपने प्रतिद्वंद्वी के पीछे पीठ पीछे जा रहा था, ताकि उसे नुकसान पहुँचा सके।
  8. पैरों पर खड़ा होना (पैरों पर खड़ा होना): इसका अर्थ होता है तय स्थिति में होना या खुद को सजीव साबित करना।
    • उसने सबके सामने अपनी विचारों को पैरों पर खड़ा किया और उन्हें साबित किया कि वह सही है।
  9. पर्दा फाश करना (पर्दा फाश करना): इसका अर्थ होता है किसी की गुप्त या रहस्यमयी बातों को प्रकट करना।
    • वह अपने दोस्त के सबर्डिनेट के खिलाफ पर्दा फाश कर रहा था, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
  10. पंख फड़कना (पंख फड़कना): इसका अर्थ होता है किसी शुभ संकेत का महसूस करना।
    • उसके पंख फड़कने को वह एक अच्छा संकेत मानता था कि उसके जीवन में कुछ अच्छा होने वाला है।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘प’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘फ’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. फूलों में फसना (फूलों में फसना): इसका अर्थ होता है किसी अच्छे और सुखद स्थिति में होना।
    • वह अपने नए घर में फूलों में फसा हुआ था, खुशियों में डूबा हुआ।
  2. फितना फाटना (फितना फाटना): इसका अर्थ होता है किसी काम को तेजी से करना या प्रयासशीलता दिखाना।
    • उसने परीक्षा के लिए तैयारी में फितना फाटना शुरू किया और अच्छे अंक प्राप्त किए।
  3. फुर्तीला दिन (फुर्तीला दिन): इसका अर्थ होता है किसी को अच्छे दिनों का अनुभव करना।
    • उसके लिए यह एक फुर्तीला दिन था क्योंकि उसने अपनी सपनी परीक्षा में पास कर लिया।
  4. फाटे पुराने (फाटे पुराने): इसका अर्थ होता है जीवन की बुराईयों या दुखों को भूल जाना और नये आरंभ का स्वागत करना।
    • नये साल के साथ, उसने फाटे पुराने और नये सपनों के साथ आरंभ किया।
  5. फांसी का फंदा (फांसी का फंदा): इसका अर्थ होता है गंभीर समस्या में फंस जाना या खतरे में पड़ जाना।
    • उसके जुदाई के बाद, वह अपने दोस्तों से फांसी का फंदा में फंस गया था।
  6. फूलों की तरह हँसना (फूलों की तरह हँसना): इसका अर्थ होता है खुशी से हँसना या मुस्कान बनाना।
    • उसके चेहरे पर फूलों की तरह हँसी थी, जब वह अपने प्रियजनों के साथ था।
  7. फालतू बकवास (फालतू बकवास): इसका अर्थ होता है बेकार या अनावश्यक बातें करना।
    • वह कक्षा में फालतू बकवास कर रहा था, जिससे शिक्षक परेशान हो गए।
  8. फूल की तरह खिलना (फूल की तरह खिलना): इसका अर्थ होता है किसी का सुंदर और उत्कृष्ट दिखना।
    • वह सफलता के साथ फूल की तरह खिल गया और सबका मन मोह लिया।
  9. फर्जी खबर (फर्जी खबर): इसका अर्थ होता है गलत या असत्य सूचना।
    • वह ने फर्जी खबर फैलाई कि उनका कंपनी का आलायंड्रा कंपनी के साथ मिलने जा रहा है, लेकिन यह सच नहीं था।
  10. फूल का सौंदर्य (फूल का सौंदर्य): इसका अर्थ होता है किसी की आकृति या सौंदर्य की सराहना करना।
    • उसके काम का फूल का सौंदर्य किसी भी विचार में सबसे उत्कृष्ट था।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘फ’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ब’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. बैल की खाल में आंगना: इसका अर्थ होता है किसी गंभीर या बड़ी चुनौती का सामना करना।
    • उसने वो प्रोजेक्ट ख़त्म किया और बैल की खाल में आंगना बना दिया।
  2. बहुत बड़ा आदमी (बहुत बड़ा आदमी): इसका अर्थ होता है कोई महत्वपूर्ण और प्रमुख व्यक्ति।
    • वह शहर का बहुत बड़ा आदमी है और सामाजिक कार्यों में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
  3. बकरी के सर पर सवार (बकरी के सर पर सवार): इसका अर्थ होता है किसी को अपमानित करना या उसके साथ अन्याय करना।
    • उसने उसके साथ न्याय किया और उसको बकरी के सर पर सवार कर दिया।
  4. बगुला भगत (बगुला भगत): इसका अर्थ होता है किसी को ज़िन्दगी का लुफ्त उठाने वाला व्यक्ति।
    • वह एक सफल व्यवसायी है और बगुला भगत के तरह अपने काम का आनंद लेता है।
  5. बढ़ चढ़ कर बोलना (बढ़ चढ़ कर बोलना): इसका अर्थ होता है खुलकर और स्पष्ट तरीके से अपनी बात कहना।
    • उसने सभी के सामने अपनी बात बढ़ चढ़ कर बोली, ताकि सब समझ सकें।
  6. बंदर क्यों भागा (बंदर क्यों भागा): इसका अर्थ होता है किसी के बर्ताव की नकल करना या व्यवहार में उसका परिचय करना।
    • वह अपने दोस्त के बंदर क्यों भागा कर उसकी तरह बर्ताव कर रहा था?
  7. बरतना बदलना (बरतना बदलना): इसका अर्थ होता है किसी के साथ आचरण या व्यवहार में परिवर्तन करना।
    • वह ने अपने व्यवहार में सुधार करने के लिए बरतना बदला।
  8. बंदर कीचड़ में गिरा (बंदर कीचड़ में गिरा): इसका अर्थ होता है किसी के अच्छे व्यवहार की खोज में खुद को खोना।
    • उसने अपने परिवार के साथ बंदर कीचड़ में गिर गया था जब उसने अपनी सही पथ पर से हट जाने का प्रयास किया।
  9. बंदर के हाथ में नख़ून नहीं (बंदर के हाथ में नख़ून नहीं): इसका अर्थ होता है किसी के पास किसी चीज का प्राप्त नहीं होना या उसके द्वारा कुछ करने की क्षमता नहीं होना।
    • उसके पास वित्तीय संसाधनों की कमी थी, इसलिए उसके हाथ में नख़ून नहीं था कि वह व्यापार खोल सके।
  10. बेहेन दूध पीना (बेहेन दूध पीना): इसका अर्थ होता है किसी के साथ दोस्ताना या प्यारभरा व्यवहार करना।
    • वे बेहेन दूध पीते रहते हैं और हमेशा एक-दूसरे के साथ खुश रहते हैं।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘ब’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘भ’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

‘भ’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं (भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं): इसका अर्थ होता है कि किसी के लिए अच्छे काम करने का समय आएगा, चाहे कितनी देर ही क्यों न लगे।
    • वह जीवन में कई मुश्किलों का सामना कर रहा है, लेकिन उसे यह याद दिलाने के लिए कहते हैं कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं।
  2. भैंस के आगे बीना (भैंस के आगे बीना): इसका अर्थ होता है किसी संदर्भ में बेहद असहमत होना या बेहद कठिनाई का सामना करना।
    • उसने मास्टर के सामने अपने विचार बयां करने की कोशिश की, लेकिन वह भैंस के आगे बीना में पड़ गया।
  3. भूतकाल से भविष्य (भूतकाल से भविष्य): इसका अर्थ होता है किसी के अच्छे कार्यों या निश्चित गतिविधियों का संकेत देने वाला संकेत मिलना।
    • उसके सपनों में भूतकाल से भविष्य का संकेत था कि उसका करियर बहुत उज्जवल होगा।
  4. भूखा भागना (भूखा भागना): इसका अर्थ होता है किसी बड़ी चुनौती से भागना या बचने की कोशिश करना।
    • जब भूख ने उसको पकड़ लिया, तो वह भूखा भाग रहा था।
  5. भुजंगी की आँख में तरंग देखना (भुजंगी की आँख में तरंग देखना): इसका अर्थ होता है किसी आपत्ति का संकेत पाना या संकेत देखना।
    • जब वह भुजंग की आँख में तरंग देखा, तो वह समझ गया कि आसमान में बदलाव हो रहा है।
  6. भूखे को खाने दो (भूखे को खाने दो): इसका अर्थ होता है किसी को उसकी ताकद के हिसाब से काम करने दो या उसे स्वतंत्रता दो।
    • मालिक ने कर्मचारियों को अधिक काम करने के बजाय विशेषज्ञता के आधार पर काम करने की स्वतंत्रता दी।
  7. भिक्षाटन मांगना (भिक्षाटन मांगना): इसका अर्थ होता है किसी से मदद या दान की विनती करना।
    • उसने अपने दोस्त से अपनी आर्थिक समस्या का समाधान के लिए भिक्षाटन किया।
  8. भिक्षुकी की बेड़िया (भिक्षुकी की बेड़िया): इसका अर्थ होता है किसी के लिए कुछ खाने के लिए तत्पर रहना या उम्मीद करना।
    • उसने अपने परीक्षा के नतीजों की बेड़िया काटने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना किया।
  9. भूखे बिना पेट नहीं भरता (भूखे बिना पेट नहीं भरता): इसका अर्थ होता है किसी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कुछ करना।
    • यदि तुम अपने लक्ष्य को पूरा करना चाहते हो, तो भूखे बिना पेट नहीं भरो।
  10. भगवान का दिया सब कुछ है (भगवान का दिया सब कुछ है): इसका अर्थ होता है कि हर चीज़ की कदर करनी चाहिए क्योंकि सब कुछ भगवान की इच्छा के बिना नहीं हो सकता।
  • वह हमेशा धन्यवाद अदा करता है क्योंकि उसके लिए भगवान का दिया सब कुछ है।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘भ’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘म’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. मन में बात रखना (मन में बात रखना): इसका अर्थ होता है किसी बात को गुप्त रखना या किसी बात को अपने मन में छिपा लेना।
    • उसने अपने मन में बात रखी कि वह जल्द ही सरकार से इसके बारे में बात करेगा।
  2. मूर्ति का तिलक लगाना (मूर्ति का तिलक लगाना): इसका अर्थ होता है किसी कार्य को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ करना।
    • उसने अपने काम को मूर्ति का तिलक लगाकर किया और सफलता पाई।
  3. मुँह में आवाज़ दबा कर बोलना (मुँह में आवाज़ दबा कर बोलना): इसका अर्थ होता है धीरे-धीरे या सावधानी से बोलना।
    • उसने अपनी मुँह में आवाज़ दबा कर बोला ताकि कोई सुने ना।
  4. मान न मान, मैं तेरा मेहमान (मान न मान, मैं तेरा मेहमान): इसका अर्थ होता है किसी के घर पर आकर उनके नियमों और शर्तों का पालन करना।
    • मैंने अपने दोस्त के घर पर जाकर मान न मान, मैं उनका मेहमान था और उनके नियमों का पालन किया।
  5. मुर्गा बनना (मुर्गा बनना): इसका अर्थ होता है किसी को बेवकूफ बना देना या धोखा देना।
    • उसने उसको मुर्गा बना दिया और उसका पूरा पैसा लूट लिया।
  6. मन की बात कहना (मन की बात कहना): इसका अर्थ होता है किसी की भावनाओं या विचारों को खुलकर व्यक्त करना।
    • उसने अपने मन की बात कह दी कि वह इस परियोजना के लिए सहमत नहीं है।
  7. मुँह से आग लगना (मुँह से आग लगना): इसका अर्थ होता है किसी की जीवन में दुख या संकट का कारण बनना।
    • उसके बुरे आदतों के कारण उसके परिवार को मुँह से आग लग गई।
  8. मन का दिलाला (मन का दिलाला): इसका अर्थ होता है किसी को अपनी इच्छाओं के अनुसार प्रेरित करने वाला व्यक्ति।
    • वह एक मन का दिलाला है और हमेशा नए आदर्शों की ओर प्रोत्साहित करता है।
  9. मैला मुँह धोना (मैला मुँह धोना): इसका अर्थ होता है किसी बुरे काम के बाद पश्चाताप करना या प्रायश्चित करना।
    • वह अपनी गलती के बाद मैला मुँह धोता है और उससे सबको सीख मिलती है।
  10. मिट्टी में सोना (मिट्टी में सोना): इसका अर्थ होता है किसी स्थिति को सजीव और सुखद बनाने के लिए कठिनाइयों का सामना करना।
    • उसने अपने व्यवसाय को मिट्टी में सोना बनाया और अब वह सफल है।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘म’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘य’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

‘य’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. याद दिलाना (याद दिलाना): इसका अर्थ होता है किसी को किसी बात का आलम्ब दिलाना या किसी को याद दिलाना।
    • मैंने उसे उसका जन्मदिन याद दिलाया क्योंकि वह भूल गया था.
  2. यह कदम बढ़ाओ (यह कदम बढ़ाओ): इसका अर्थ होता है किसी कार्रवाई में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना।
    • मेरे मार्गदर्शन में, मैंने उसे यह कदम बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
  3. याददाश्त में रखना (याददाश्त में रखना): इसका अर्थ होता है किसी बात को याद रखना या किसी चीज का स्मरण करना।
    • मैंने उसके शब्दों को याददाश्त में रखा और उनका पालन किया.
  4. यमलोक (यमलोक): इसका अर्थ होता है मौत के बाद की दुनिया या यमराज की नियमित्रित्य जगह।
    • हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद आत्मा का यमलोक में जाना माना जाता है।
  5. यह समय का खेल है (यह समय का खेल है): इसका अर्थ होता है कि कुछ चीजें समय के साथ बदल सकती हैं और आपको यह समय का अनुसरण करना चाहिए।
    • उसने सीखा कि यह समय का खेल है और अपने कामकाज को समय पर करना आवश्यक है।
  6. यहाँ तक कि (यहाँ तक कि): इसका अर्थ होता है किसी चीज की सीमा तक या एक सीमा पर पहुँचने का संकेत देना।
    • उसकी मेहनत ने उसे यहाँ तक कि पहुँचाया कि वह अपने सपनों को पूरा कर सकता है।
  7. यात्रा का पलंग (यात्रा का पलंग): इसका अर्थ होता है किसी यात्रा के दौरान घरेलू सुखद व्यवस्था का आनंद उठाना।
    • हमने यात्रा के पलंग पर बड़ी आराम से सोने का आनंद उठाया।
  8. योजना का आदमी (योजना का आदमी): इसका अर्थ होता है किसी कार्य की योजना बनाने वाला व्यक्ति।
    • वह हमेशा योजना का आदमी रहता है और हर काम को ध्यानपूर्वक करता है।
  9. यहाँ से वहाँ (यहाँ से वहाँ): इसका अर्थ होता है किसी स्थिति के बदलने का संकेत देना, विशेषत: भाग्य की बदलती राहें।
    • उसका जीवन यहाँ से वहाँ बदल गया जब वह नई नौकरी प्राप्त की।
  10. यथार्थ में (यथार्थ में): इसका अर्थ होता है किसी चीज की वास्तविकता या सच्चाई को समझना।
    • मैंने उसके विचारों को यथार्थ में समझा और उसका समर्थन किया।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘य’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘र ‘ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. राख में सिमटना (राख में सिमटना): इसका अर्थ होता है किसी काम को पूर्णत: नष्ट कर देना या किसी चीज को बेकार करना।
    • उसकी बढ़ती आलस्य के कारण उसने अपना करियर राख में सिमट दिया।
  2. राजा का हस्पताल (राजा का हस्पताल): इसका अर्थ होता है एक स्थान जहां किसी का बिना किसी विचार के खर्च किया जाता है, विशेषत: अधिकारियों का खर्च।
    • उसके खर्च को देखकर लगता है कि वह राजा का हस्पताल चला रहा है।
  3. रूप में आ गया (रूप में आ गया): इसका अर्थ होता है किसी की व्यक्तिगतता या आदतों में परिवर्तन होना।
    • उसका वयस्क होते ही उसका रूप में आ गया, वह अब बच्चों की तरह नहीं रहा।
  4. राग बदल देना (राग बदल देना): इसका अर्थ होता है अचानक किसी चीज के प्रति रुचि या मनोभाव में परिवर्तन होना।
    • उसने अपने मित्र के साथ खेलते समय राग बदल दिया और घर चली आई।
  5. रख कर देना (रख कर देना): इसका अर्थ होता है किसी को अपनी विचारों या भावनाओं को न बताकर छोड़ देना।
    • उसने अपने असली भावनों को छिपाकर रख कर दिया और अच्छा व्यवहार किया।
  6. रस्सी छोड़ना (रस्सी छोड़ना): इसका अर्थ होता है किसी असमर्थता या संकट को पार कर देना।
    • उसने बड़ी मेहनत करके अपने पढ़ाई में सफलता पाई और रस्सी छोड़ दी।
  7. रखती बंदूक (रखती बंदूक): इसका अर्थ होता है विश्वासघात करने वाला व्यक्ति या संगठन।
    • उसने उस व्यक्ति को रखती बंदूक के रूप में जाना जिसने उसका विश्वास बिगाड़ दिया।
  8. रंग दिखाना (रंग दिखाना): इसका अर्थ होता है किसी को बेवकूफ बनाना या धोखा देना।
    • वह ने उसे रंग दिखाया और उसके पैसे ले लिए।
  9. राजा का सवाल (राजा का सवाल): इसका अर्थ होता है अधिकारी या उच्च अधिकारियों की जाँच या सवाल का संकेत देना।
    • राजा का सवाल प्रधानमंत्री की कार्यक्षेत्र में हुआ।
  10. रुपया कमाना (रुपया कमाना): इसका अर्थ होता है पैसे कमाना या आर्थिक सफलता प्राप्त करना।
    • उसने अपने व्यवसाय से बहुत सारे रुपए कमाए हैं।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘र’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ल’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. लक्ष्य में लगाना (लक्ष्य में लगाना): इसका अर्थ होता है किसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए समर्पित होना।
    • उसने अपने पढ़ाई में लक्ष्य में लग जाने का निर्णय लिया है।
  2. लब पर आना (लब पर आना): इसका अर्थ होता है किसी के परीक्षण या जाँच के लिए खड़ा होना।
    • उसको डॉक्टर के पास लब पर आना पड़ा क्योंकि उसे बुखार था।
  3. लब्धि का फल (लब्धि का फल): इसका अर्थ होता है किसी काम की सफलता का परिणाम या फल।
    • उसकी मेहनत का परिणाम उसे लब्धि का फल देता है।
  4. लाख करोड़ का सवाल (लाख करोड़ का सवाल): इसका अर्थ होता है किसी काम की अधिक मांग या कठिनाइयों का सामना करना।
    • उसे लाख करोड़ का सवाल खाना पड़ा क्योंकि उसे एक साथ बहुत काम करना था।
  5. लाश उठाना (लाश उठाना): इसका अर्थ होता है किसी की मृत्यु के बाद उसकी लाश को उठाना। यह मुहावरा आमतौर पर मौत के समय का संदर्भ देने के लिए उपयोग होता है।
    • उसके दोस्तों ने उसकी लाश उठाने में मदद की।
  6. लक्ष्य हासिल करना (लक्ष्य हासिल करना): इसका अर्थ होता है किसी लक्ष्य को पूरा करना या सफलता प्राप्त करना।
    • उसने अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र में अपना लक्ष्य हासिल किया।
  7. लेन-देन में लाना-देना (लेन-देन में लाना-देना): इसका अर्थ होता है किसी के साथ व्यापारिक लेन-देन करना या समझौता करना।
    • वे व्यापार में लेन-देन में लाना-देना कर रहे हैं जिससे उनका कारोबार बढ़ रहा है।
  8. लड़का बनाना (लड़का बनाना): इसका अर्थ होता है किसी को सजाना या उसकी तारीकें सुधारना।
    • उसने अपने बच्चे को अच्छे संदर्भ में लड़का बनाया।
  9. लक्ष्य प्राप्त करना (लक्ष्य प्राप्त करना): इसका अर्थ होता है किसी लक्ष्य को हासिल करना या सफलता प्राप्त करना।
    • वह अपने किरायेदारी मकान को खरीदने के लिए अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया।
  10. ललकार मारना (ललकार मारना): इसका अर्थ होता है किसी को आलोचना करना या उसे खराब तरीके से कहना।
    • उसने अपने सहपाठियों को उनकी गलतियों की ललकार मारी।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘ल’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘व’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. वक्त का इंतजार करना (वक्त का इंतजार करना): इसका अर्थ होता है किसी घटना या मौके के आने का सब्र से इंतजार करना।
    • उसने परिक्षा के नतीजों का वक्त का इंतजार करते-करते अपनी चाय पी ली।
  2. वस्त्र धोना (वस्त्र धोना): इसका अर्थ होता है किसी के कार्य को नकारना या बुराई करना।
    • उसने अपने सहपाठियों का वस्त्र धोने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।
  3. वयस्क बनना (वयस्क बनना): इसका अर्थ होता है किसी की परिपक्वता या मौत्युपन की स्थिति में पहुँचना।
    • उसके 18 वर्ष पूरे होने पर, वह वयस्क बन गया और अपने निर्णयों के लिए जिम्मेदार हो गया।
  4. विचार करना (विचार करना): इसका अर्थ होता है किसी समस्या का समाधान ढूँढ़ना या खोजना।
    • वे अपने भविष्य के लिए सही निर्णय लेने के लिए बड़ी मेहनत से विचार कर रहे हैं।
  5. विद्या का पराया धन (विद्या का पराया धन): इसका अर्थ होता है शिक्षा का महत्व या विद्या की मूल्यांकन करना।
    • उसके माता-पिता ने उसे यह सिखाया कि विद्या का पराया धन नहीं होता है।
  6. वाणी में विराम (वाणी में विराम): इसका अर्थ होता है किसी के वचन में रुकावट डालना या गोलमोल बात करना।
    • उसकी वाणी में विराम करने से उसकी बातें समझ में नहीं आ रही थीं।
  7. वस्त्रों में नाचना (वस्त्रों में नाचना): इसका अर्थ होता है बहुत धूप में वस्त्र सुखाना या सूखाना।
    • वे अपने कपड़ों को धूप में अच्छी तरह से वस्त्रों में नाचा रहे थे।
  8. वृक्ष का वृक्ष फल देना (वृक्ष का वृक्ष फल देना): इसका अर्थ होता है किसी की सहायता करना या किसी के साथ समर्पण करना।
    • उसने दु:खी मित्र को वृक्ष का वृक्ष फल देने के लिए पूरी तरह से समर्पित किया।
  9. वाणी की नींद उड़ाना (वाणी की नींद उड़ाना): इसका अर्थ होता है किसी की बातों को असमय पर कटना या बिचौलियों के साथ गपशप करना।
    • वे बच्चों के साथ वाणी की नींद उड़ा रहे थे, जिससे उन्हें ज्ञान प्राप्त होता था।
  10. विजयी बनना (विजयी बनना): इसका अर्थ होता है किसी प्रतियोगिता या प्रतिस्पर्धा में विजय प्राप्त करना।
    • उसने खुद को एक विजयी बनाया और प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘व’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ष’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. षडयन्त्र करना (षडयन्त्र करना): इसका अर्थ होता है किसी के खिलाफ छल-कपट से या चालाकी से कोई योजना बनाना और उसे कार्यान्वित करना।
    • उसने अपने प्रतियोगी के खिलाफ षडयन्त्र किया और उसको हराया।
  2. षट्त्रु नाशक (षट्त्रु नाशक): इसका अर्थ होता है किसी चीज़ का नाश करने के लिए प्रयास करना या किसी दुश्मन को पराजित करने की योजना बनाना।
    • वे भगवान शिव की कृपा से षट्त्रु नाशक मंत्र का पाठ कर रहे हैं।
  3. षट्कर्म करना (षट्कर्म करना): इसका अर्थ होता है छः विशेष प्रकार के कर्म करना, जैसे कि धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, शिक्षा और विमोक्ष।
    • वेदों में षट्कर्मों का वर्णन होता है।
  4. षष्ठ अन्न खाना (षष्ठ अन्न खाना): इसका अर्थ होता है सदा व्यापार करना या अपने आप को किसी के साथ लड़ाई करते रहना।
    • वह अपने व्यवसाय में षष्ठ अन्न खा रहा है, लेकिन उसके बावजूद उसके बिजनेस में सफलता नहीं हो रही है।
  5. षट्चक्र पर्यवसान (षट्चक्र पर्यवसान): इसका अर्थ होता है योग और ध्यान के माध्यम से आत्मा के षट्चक्रों को शुद्ध करने और जागरूक करने की प्रक्रिया।
    • वह षट्चक्र पर्यवसान में अपने आप को शांति और सामंजस्यपूर्णता का अनुभव कर रहा है।
  6. षट्पर्ण पूजा (षट्पर्ण पूजा): इसका अर्थ होता है षट्पर्ण पौधों का पूजा और ध्यान करना, जो हिन्दू धर्म में किया जाता है।
    • वे हर सोमवार को षट्पर्ण पूजा करते हैं, जो उनके आध्यात्मिक अनुष्ठान का हिस्सा है।
  7. षष्ठी व्रत (षष्ठी व्रत): इसका अर्थ होता है षष्ठी तिथि को व्रत करना, जो माता षष्ठी की पूजा और व्रत के रूप में किया जाता है।
    • मेरी माँ ने षष्ठी व्रत का पालन किया और मेरे बचपन के साथ उसकी पूजा की यादें हैं।
  8. षष्ठी तिथि (षष्ठी तिथि): इसका अर्थ होता है षष्ठी तिथि का महत्व, जो हिन्दू पंचांग में महत्वपूर्ण होती है।
    • आज हमारे परिवार में षष्ठी तिथि है, इसलिए हम माता षष्ठी की पूजा करेंगे।
  9. षट्पद (षट्पद): इसका अर्थ होता है छः पैरों वाला, जैसे कि गज, हाथी आदि।
    • वन्यजीवों में षट्पदों की विविधता देखने का आनंद होता है।
  10. षट्तिल भाषण (षट्तिल भाषण): इसका अर्थ होता है उच्चारण के साथ गंभीर और कठोर भाषण करना।
    • उसने अपने प्रतियोगी को षट्तिल भाषण दिया और उसे शरम से लाल हो गया।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘ष’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘श’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. शांत करना (शांत करना): इसका अर्थ होता है किसी को शांत करने का प्रयास करना या सुलाना।
    • उसने अपने दोस्त को उसके गुस्से को शांत करने के लिए समझाया।
  2. शांति से जीना (शांति से जीना): इसका अर्थ होता है खुशी से और सामंजस्यपूर्ण जीवन जीना।
    • उसका आदर्श है शांति से जीने वाले लोग।
  3. शक्ति चुराना (शक्ति चुराना): इसका अर्थ होता है किसी की शक्ति या सामर्थ्य का अनुपयोग करना या छीन लेना।
    • वे उसकी सोच की शक्ति चुराने का प्रयास कर रहे हैं।
  4. शांति की ओर बढ़ना (शांति की ओर बढ़ना): इसका अर्थ होता है किसी के लिए शांति या शांति की ओर प्रयास करना।
    • वह अपने जीवन में आत्मशांति की ओर बढ़ रहा है।
  5. शरीर से बात करना (शरीर से बात करना): इसका अर्थ होता है किसी के शरीर के रूप, स्वास्थ्य या आकर्षण पर टिप्पणी करना।
    • उसने उसके शरीर से बात करने के लिए आलोचना की।
  6. शोर मचाना (शोर मचाना): इसका अर्थ होता है बहुत ज़ोर से चीखना या आवाज़ को बड़ा करना।
    • उनके बच्चे खुशी से खेलते हुए बड़ा शोर मचा रहे थे।
  7. शीतल हो जाना (शीतल हो जाना): इसका अर्थ होता है गुस्सा या उत्साह कम होना या ठंडा पड़ जाना।
    • उसका गुस्सा शीतल हो गया जब उसे समझा गया कि वह हार गया।
  8. शीतल स्वभाव (शीतल स्वभाव): इसका अर्थ होता है किसी के निष्कलंक और सादगीपूर्ण स्वभाव की सराहना करना।
    • उसका शीतल स्वभाव हमें हमेशा प्रासन्न करता है।
  9. शिव-शिव कहना (शिव-शिव कहना): इसका अर्थ होता है खुशी खुशी धन्यवाद करना या आभार व्यक्त करना।
    • वे खुश होकर शिव-शिव कह रहे थे क्योंकि उन्हें सफलता मिली।
  10. शिखर पर पहुँचना (शिखर पर पहुँचना): इसका अर्थ होता है किसी के कार्य में उच्च स्तर तक पहुँचना या सफलता प्राप्त करना।
    • वह अपने करियर में शिखर पर पहुँचने के लिए कठिन मेहनत कर रहा है।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘श’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘स’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. सांप की आँख (सांप की आँख): इसका अर्थ होता है किसी चीज़ की वास्तविक स्थिति या गुप्त रूप जानना।
    • उसने वास्तविक स्थिति को जानने के लिए सांप की आँख दी।
  2. सुंदर सपना (सुंदर सपना): इसका अर्थ होता है अच्छा सपना या प्रेरणादायक सपना देखना।
    • मेरे बेटे का सुंदर सपना है कि वह एक दिन डॉक्टर बनेंगे।
  3. साँप सुंघ जाना (साँप सुंघ जाना): इसका अर्थ होता है किसी खतरे को समझ लेना या सुझाव पर ध्यान देना।
    • उसने आस-पास की खतरों को साँप सुंघ लिया और अलर्ट रहा।
  4. साँप के मुँह में जीरा (साँप के मुँह में जीरा): इसका अर्थ होता है किसी अत्यन्त सरल या आसान कार्य को किसी के लिए कर देना।
    • मुझे यह काम साँप के मुँह में जीरा लग गया।
  5. साधू की लत (साधू की लत): इसका अर्थ होता है किसी की बड़ी और अजीब आदतें या व्यक्तिगत इच्छाएँ।
    • उसकी साधू की लत थी कि वह हमेशा निष्कलंक और आत्मनिर्भर रहें।
  6. सरकना सवा सौ सोनार की (सरकना सवा सौ सोनार की): इसका अर्थ होता है किसी काम में अत्यधिक सफलता प्राप्त करना।
    • उसने अपने व्यवसाय में सरकना सवा सौ सोनार की की तरह सफलता प्राप्त की।
  7. सफल सागर पार करना (सफल सागर पार करना): इसका अर्थ होता है किसी कठिनाई या संघर्ष को पार करके सफल होना।
    • उसने अपने मेहनत और संघर्ष के बाद सफल सागर पार किया।
  8. सपना देखना (सपना देखना): इसका अर्थ होता है कुछ अच्छा या खुशियों भरा अनुभव करना।
    • मैंने कभी नहीं सपना देखा कि मैं विदेश यात्रा कर रहा हूँ, लेकिन अब वह सपना पूरा हुआ है।
  9. समाज में आग लगना (समाज में आग लगना): इसका अर्थ होता है सामाजिक अराजकता या अनैतिकता को फैलाने का प्रयास करना।
    • उन्होंने नेतृत्व में आग लगाने का प्रयास किया और बड़ा हंगामा हो गया।
  10. समय का साथ (समय का साथ): इसका अर्थ होता है वक्त के साथ चलना और उसे सही तरीके से उपयोग करना।
    • जीवन में समय का साथ चलना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि हम सफलता प्राप्त कर सकें।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘स’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ह’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. हड्डी सवार होना (हड्डी सवार होना): इसका अर्थ होता है किसी काम के लिए तैयार होना या किसी समस्या का समाधान ढूँढ़ना।
    • वह परीक्षा के लिए हड्डी सवार हो गया है और अब बहुत मेहनत कर रहा है।
  2. हर दिन नया दिन (हर दिन नया दिन): इसका अर्थ होता है हर दिन एक नया आरंभ करना और पुराने समस्याओं को छोड़कर आगे बढ़ना।
    • जीवन में हर दिन नया दिन है, और हमें नए लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहिए।
  3. हाथ का मेल (हाथ का मेल): इसका अर्थ होता है किसी समस्या का समाधान या सहमति प्राप्त करना।
    • वे दोनों हाथ का मेल करके विवाद को सुलझा लिये।
  4. हाथ की सफाई करना (हाथ की सफाई करना): इसका अर्थ होता है अपने काम को साफ-सुथरा और ईमानदारी से करना।
    • वह हमेशा हाथ की सफाई करता है, इसलिए उसका काम हमें भरपूर सुखद नतीजे देता है।
  5. हाथ का खेल (हाथ का खेल): इसका अर्थ होता है किसी काम को बिना किसी तकलीफ या ज्यादा मेहनत के करना।
    • उसके लिए यह काम हाथ का खेल है, वह इसे बिना किसी मुश्किल के कर सकता है।
  6. हड्डी का दर्द (हड्डी का दर्द): इसका अर्थ होता है किसी को शारीरिक या आत्मिक दर्द होना।
    • उसकी हड्डी का दर्द बहुत बढ़ गया है, इसलिए उसे डॉक्टर के पास जाना होगा।
  7. हलचल मचना (हलचल मचना): इसका अर्थ होता है बहुत बड़ी हलचल या संघर्ष होना।
    • उसके आने से पार्टी में हलचल मच गई, और सब खुश हो गए।
  8. हाथ में आया हुआ (हाथ में आया हुआ): इसका अर्थ होता है कोई चीज़ बिना मेहनत के प्राप्त होना।
    • उसके लिए यह सौभाग्य है कि उसे सब कुछ हाथ में आया हुआ मिला है।
  9. हाथ की कढ़ी (हाथ की कढ़ी): इसका अर्थ होता है किसी काम को बिना किसी समस्या के करना।
    • वह विद्यार्थी है और उसका पढ़ाई में हाथ की कढ़ी है, उसको हमेशा अच्छे अंक प्राप्त होते हैं।
  10. हमेंशा का हाथी (हमेंशा का हाथी): इसका अर्थ होता है एक विशेष चीज़ या साथी जो हमेशा उपस्थित होता है।
    • मेरा दोस्त मेरे लिए हमेंशा का हाथी है, वह कभी भी मेरे साथ होता है।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘ह’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘क्ष ‘ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. क्षयमवादी (क्षयमवादी): इसका अर्थ होता है किसी स्थिति को सहने वाला व्यक्ति या वस्तु।
    • उसने अपने बीमारी के बावजूद एक अच्छा क्षयमवादी बना दिखाया।
  2. क्षणभंगुर (क्षणभंगुर): इसका अर्थ होता है कुछ ही समय के लिए या अत्यंत क्षणिक।
    • वह सफलता के क्षणभंगुर अनुभव के बाद निराश हो गया।
  3. क्षुधा प्यासा (क्षुधा प्यासा): इसका अर्थ होता है बहुत भुखा होना या बहुत प्यासा होना।
    • वे लोग कठिनाइयों के बावजूद क्षुधा प्यासे मर रहे थे।
  4. क्षितिज दिशा (क्षितिज दिशा): इसका अर्थ होता है किसी विशेष दिशा या कुछ दिशा में।
    • सूरज किस्मतवालों के लिए दक्षिण क्षितिज दिशा में निकला।
  5. क्षणभंगुर आनंद (क्षणभंगुर आनंद): इसका अर्थ होता है अत्यंत छोटे समय के लिए होने वाला आनंद या खुशी।
    • वह क्षणभंगुर आनंद में डूबा और फिर काम पर लौट आया।
  6. क्षुद्र मनुष्य (क्षुद्र मनुष्य): इसका अर्थ होता है छोटे सोच वाला या छोटी मानसिकता वाला व्यक्ति।
    • वह क्षुद्र मनुष्य होने के बावजूद, बड़े आलसी होते हैं।
  7. क्षुद्र विचार (क्षुद्र विचार): इसका अर्थ होता है छोटी सोच या छोटी सोचने वाले विचार।
    • उसके क्षुद्र विचारों के कारण वह कभी भी बड़े कदम नहीं उठाता।
  8. क्षणिक सुख (क्षणिक सुख): इसका अर्थ होता है अत्यंत छोटे समय के लिए होने वाला सुख या आनंद।
    • जीवन में क्षणिक सुखों का आनंद लेना भी महत्वपूर्ण है।
  9. क्षणिक सफलता (क्षणिक सफलता): इसका अर्थ होता है बहुत छोटे समय के लिए होने वाली सफलता।
    • वह क्षणिक सफलता के बाद गर्वित था, लेकिन फिर से मेहनत करनी पड़ी।
  10. क्षितिज सूजी (क्षितिज सूजी): इसका अर्थ होता है किसी चीज़ की बहुत सूक्ष्म रूप से सोचना या विचार करना।
    • उसने क्षितिज सूजी करके समस्या का समाधान ढूँढ़ लिया।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘क्ष’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘त्र ‘ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. त्रासदायक (त्रासदायक): इसका अर्थ होता है किसी स्थिति या घटना से भयानक या चिंताजनक रूप में प्रभावित होना।
    • उसके द्वारा बताया गया दुर्घटना त्रासदायक थी, और सभी व्यक्ति बहुत परेशान थे।
  2. त्रिकोण हितेषु (त्रिकोण हितेषु): इसका अर्थ होता है तीनों प्रतिष्ठानों के लिए फायदेमंद होना या सामान्य हित के लिए होना।
    • त्रिकोण हितेषु नीति के अनुसार, सरकार ने सभी वर्गों के लिए विकास की योजनाएँ बनाई।
  3. त्रिकोण समाचार (त्रिकोण समाचार): इसका अर्थ होता है विचार या समाचार का तीन दिशाओं से आना, यानी नकरात्मक, सकारात्मक, और तीसरा पक्ष।
    • त्रिकोण समाचार के अनुसार, विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में खबरें आ रही हैं।
  4. त्रिकोण युद्ध (त्रिकोण युद्ध): इसका अर्थ होता है तीन देशों के बीच युद्ध।
    • त्रिकोण युद्ध के कारण तीनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।
  5. त्रिकोण बाजार (त्रिकोण बाजार): इसका अर्थ होता है तीन बड़े बाजार, जो किसी क्षेत्र में मुख्य बाजार होते हैं।
    • त्रिकोण बाजार में विभिन्न वस्त्रों और माल की खरीददारी की जा सकती है।
  6. त्रिकोण नियामक (त्रिकोण नियामक): इसका अर्थ होता है त्रिकोण को नियामित रूप से नियंत्रित करने वाला व्यक्ति या संगठन।
    • त्रिकोण नियामक ने यातायात को सुचालने के लिए कई नियम और विधियों को लागू किया।
  7. त्रिकोण पर्व (त्रिकोण पर्व): इसका अर्थ होता है तीन दिनों तक चलने वाला उत्सव या मेला।
    • त्रिकोण पर्व पर बहुत सारे लोग आकर्षित होते हैं और विभिन्न प्रकार के खेल और अद्वितीय आयोजनों का आनंद लेते हैं।
  8. त्रिकोण संघटना (त्रिकोण संघटना): इसका अर्थ होता है तीनों दिशाओं की एक साथ में संघटना या उनके में समाहित होना।
    • त्रिकोण संघटना के बाद, तीनों देशों के बीच आरामदायक समझौते पर हस्ताक्षर हो गए।
  9. त्रिकोण यातायात (त्रिकोण यातायात): इसका अर्थ होता है तीन दिशाओं में यातायात करना, जैसे कि उपयुक्त यातायात संचालन करना।
    • त्रिकोण यातायात के कारण, यातायात संचालन में सुधार हो रहा है।
  10. त्रिकोण संघ (त्रिकोण संघ): इसका अर्थ होता है तीन बड़े संगठनों का संघटना या संयोजन।
    • त्रिकोण संघ के बाद, तीनों संगठन एक साथ कई सामाजिक कार्यों को सम्पन्न करने में जुटे।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘त्र’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘ज्ञ ‘ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. ज्ञान देना (ज्ञान देना): इसका अर्थ होता है किसी को शिक्षा या ज्ञान प्रदान करना।
    • वे उनको अपने अनुभवों से बहुत कुछ ज्ञान देते हैं.
  2. ज्ञानवान (ज्ञानवान): इसका अर्थ होता है जिसके पास बहुत ज्ञान या विद्या होती है।
    • वह एक ज्ञानवान व्यक्ति है और कई विषयों में विशेषज्ञ हैं.
  3. ज्ञान का पूँजी (ज्ञान का पूँजी): इसका अर्थ होता है ज्ञान की अधिकता या संचय।
    • उसका ज्ञान का पूँजी संग्रहित होने के कारण वह अनगिनत प्रश्नों का उत्तर दे सकता है.
  4. ज्ञान की बेताबी (ज्ञान की बेताबी): इसका अर्थ होता है बेहद उत्सुकता या इच्छा ज्ञान प्राप्त करने की।
    • उसकी ज्ञान की बेताबी ने उसे एक शिक्षक बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
  5. ज्ञान का पागल (ज्ञान का पागल): इसका अर्थ होता है जिसे ज्ञान में अत्यधिक रुचि होती है और वह उसके पीछे पागली तरह भागता है।
    • वह एक ज्ञान का पागल है और हर समय नए ज्ञान की खोज में रहता है।
  6. ज्ञान का झूला (ज्ञान का झूला): इसका अर्थ होता है ज्ञान का उत्कृष्ट भंडार या संचय।
    • उसके पास ज्ञान का झूला है जिसमें वह अपने अनगिनत ज्ञान को संजीवनी बूँद के रूप में रखता है।
  7. ज्ञान का दिवाना (ज्ञान का दिवाना): इसका अर्थ होता है ज्ञान में पूरी तरह से लीन होना और उसका परिपूर्ण अनुसरण करना।
    • वह एक ज्ञान का दिवाना है और हमेशा नए ज्ञान की खोज में रहता है।
  8. ज्ञान की खोज (ज्ञान की खोज): इसका अर्थ होता है नए ज्ञान की खोज करना या जानने का प्रयास करना।
    • वे ज्ञान की खोज में लगे हुए हैं और नए गणित तरीकों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
  9. ज्ञान की महाकवि (ज्ञान की महाकवि): इसका अर्थ होता है विशाल ज्ञान का काव्यिक व्यक्ति या वस्तु।
    • उसकी जीवन की महाकवि ने उसके ज्ञान के महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रकट किया।
  10. ज्ञान की गहराई (ज्ञान की गहराई): इसका अर्थ होता है ज्ञान की अधिक गहरी समझ या अनुसंधान करने की क्षमता।
    • उसकी ज्ञान की गहराई ने उसे सशक्त और विशेषज्ञ बना दिया।

ये मुहावरे हिंदी भाषा में ‘ज्ञ’ अक्षर से शुरू होते हैं और उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किए जा सकते हैं।

‘श्र’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ मुहावरे और उनके अर्थ एवं वाक्य प्रयोग निम्नलिखित हैं:

  1. श्रम से तराशना (श्रम से तराशना): इसका अर्थ होता है किसी काम को मेहनत से और संघटित रूप से करना।
    • वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए श्रम से तराश रहा है।
  2. श्रम का फल (श्रम का फल): इसका अर्थ होता है किसी काम के परिणाम के रूप में मिलने वाला संघटित या मेहनत का परिणाम।
    • उसका श्रम का फल उसके अध्ययन में सफलता था।
  3. श्रम से कमाना (श्रम से कमाना): इसका अर्थ होता है मेहनत करके पैसा कमाना।
    • वह दिन-रात मेहनत करके परिवार का पालन-पोषण करने के लिए श्रम से कमाता है।
  4. श्रमिक जीवन (श्रमिक जीवन): इसका अर्थ होता है किसी के जीवन का मेहनती और उद्यमी रूप।
    • उसका श्रमिक जीवन उसे संघटित और संघटित बनाता है।
  5. श्रमिक संघ (श्रमिक संघ): इसका अर्थ होता है मजदूरों का संघटना या संयोजन।
    • श्रमिक संघ ने अपनी मांगों को पेश किया और अधिकार की ओर बढ़ते हुए व्यक्तियों के हित की रक्षा की।
  6. श्रमिक जागरूकता (श्रमिक जागरूकता): इसका अर्थ होता है मजदूरों को उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक करना।
    • श्रमिक जागरूकता के कारण, मजदूरों के लिए बेहतर शर्तें मिली।
  7. श्रमिक संघटना (श्रमिक संघटना): इसका अर्थ होता है मजदूरों का संघटना या संयोजन।
    • श्रमिक संघटना ने मजदूरों के सामाजिक और आर्थिक हितों की रक्षा की।
  8. श्रमिक अधिकार (श्रमिक अधिकार): इसका अर्थ होता है मजदूरों के अधिकार और सुरक्षा के प्रति की रक्षा करना।
    • मजदूरों को उनके श्रमिक अधिकार के लिए संघटित होना चाहिए।
  9. श्रमिक संघटना (श्रमिक संघटना): इसका अर्थ होता है मजदूरों का संघटना या संयोजन।
    • श्रमिक संघटना ने मजदूरों के लिए उनके अधिकारों की रक्षा की।
  10. श्रमिक आंदोलन (श्रमिक आंदोलन): इसका अर्थ होता है मजदूरों के लिए अधिकारों की ओर जाने के लिए किए जाने वाले प्रयास।
    • श्रमिक आंदोलन ने मजदूरों के लिए न्याय और उनके अधिकारों की ओर जाने में मदद की।

ये मुहावरे ‘श्र’ अक्षर से शुरू होते हैं और विभिन्न प्राकृतिक संदर्भों में उपयोग किए जा सकते हैं।


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